Lagatar Desk : जर्मनी के लोअर सेक्सोनी राज्य के गवर्नर स्टीफन वेल ने ट्विटर छोड़ने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट का इस्तेमाल नफरत फैलाने और भड़काने के लिए किया जा रहा है. गवर्नर वेल मंगलवार को अपना अकाउंट हटा लेंगे. उन्होंने अंतिम ट्वीट में लिखा नियंत्रण की कमी और अपर्याप्त सत्यापन की वजह से तेजी से नफरत फैलाने और उकसाने, फर्जी सूचना और साजिश के सिद्धांतों का प्रसार हो रहा है.
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राज्य सरकार का ट्विटर अकाउंट भी हटा दिया जायेगा
जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक राज्य सरकार का ट्विटर अकाउंट भी हटा दिया जाएगा. चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के एक प्रवक्ता ने कहा कि संघीय सरकार अभी भी इसके विकल्पों पर विचार कर रही है. विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि अगर ट्विटर के नए सीईओ एलन मस्क निलंबित अकाउंट को फिर से बहाल करते हैं, तो यहूदी-विरोधी नफरत फैलाने वाली सामग्री में वृद्धि होगी. वहीं यूरोपीय संघ के एक शीर्ष अधिकारी ने पिछले हफ्ते मस्क से आग्रह किया था कि वे सोशल साइट की अवैध सामग्री के जोखिम को कम करें.
अश्वेतों के खिलाफ अभद्र ट्वीट्स भी बढ़ें
गवर्नर स्टीफन वेल के फैसले के बारे में प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेट ने कहा कि मस्क द्वारा ट्विटर के अधिग्रहण के बाद सरकार बहुत करीबी नजर रखे हुए है. हम अब यह भी गौर कर रहे हैं कि चीजें कैसे आकार लेती हैं. हम सामूहिक तौर पर विचार करेंगे कि हमें इस सोशल साइट पर रहना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि एलन मस्क द्वारा ट्विटर खरीदे जाने के बाद अश्वेतों के खिलाफ अभद्र ट्वीट्स भी बढ़ें हैं.
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ट्रांसजेंडर के खिलाफ भी अभद्र भाषा वाले ट्वीट्स काफी बढ़े
एक रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि जब से एलन मस्क ने पदभार संभाला है. तब से ट्विटर पर अश्वेत लोगों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. ट्रांसजेंडर के खिलाफ भी अभद्र भाषा वाले ट्वीट्स काफी बढ़े हैं. पहले रोजाना 1282 ट्वीट्स दिखाई देते थे. वहीं अब अश्वेत लोगों के खिलाफ विवादित शब्दों वाले ट्वीट्स की संख्या 3,876 तक पहुंच गई. हालांकि मस्क ने इस रिसर्च के सभी तथ्यों को खारिज किया. एलन मस्क ने कहा कि कि ये निष्कर्ष पूरी तरह से गलत है. मस्क ने सफाई दी कि ट्विटर का मकसद ऐसे लोगों की सेवा करना है, जो तार्किक बहस करना, हसंना और कुछ सीखना चाहते हैं.
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