Kabul : अफगानिस्तान के अलग-अलग इलाकों में पत्रकारों को पीटे जाने की खबरें आ रही है. उनके घरों पर हमला किया जा रहा है. या किसी को सिर्फ काम से इसलिए वापस भेजा जा रहा है क्योंकि वह महिला है. अफगानिस्तान के पत्रकार तालिबानी शासन की पोल खोलते हुए दुनिया को यह जानकारी दे रहे हैं. बता दें कि अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद तालिबान ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी को आजादी से काम करने देने का वादा किया था, साथ ही महिलाओं को भी काम करने की छूट देने की बात कही थी.. लेकिन अब तालिबान की कथनी और करनी में फर्क दिखने लगा है.
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रिपोर्ट बना रहे पत्रकारों को हुई पिटाई
अफगानिस्तान के रेडियो टेलिविजन अफगानिस्तान (RTA) के साहर नासारी के अनुसार कुछ दिनों में तालिबान की कथनी और करनी में फर्क दिखने लगा है. कहा कि जब वे अपने साथी के साथ एक रिपोर्ट तैयार कर रहे थे, तो तालिबानी लड़ाकों ने उनका कैमरा तोड़ दिया, उसके साथी को मारा. जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों में तालिबान द्वारा अलग-अलग हिस्सों में अफगानी पत्रकारों पर हमला किया गया है और उनके घर पर रेड डाली गयी है. अफगानिस्तान की एक न्यूज एजेंसी का कहना है कि तालिबान ने उनकी18 महिला रिपोर्टर्स को घर से काम करने के लिए कहा है, जबतक नयी सरकार के नियम तय नहीं हो जाते हैं.
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शबनम दावरां को नौकरी से हटा दिया गया
अफगानिस्तान की मशहूर न्यूज प्रेजेंटर शबनम दावरां को भी उनकी नौकरी से हटा दिया गया है, क्योंकि अब महिला एंकर्स के लिए काम करना मुश्किल है. बता दें कि तालिबान ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह किसी को काम करने से नहीं रोकेगा, लेकिन मीडिया को इस्लामिक नियमों के अनुसार ही काम करना होगा.
हालांकि तालिबान द्वारा पूर्व में कहा गया था कि महिलाएं उनकी सरकार में शामिल हो सकती हैं. लेकिन इस वादे को दरकिनार कर अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में तालिबानी महिलाओं पर अत्याचार कर रहे हैं.