Mumbai : शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के क्रम में आरएसएस को खूब खरी खोटी सुनाई. कहा कि संघ(आरएसएस) के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा नहीं लिया था और अब वे भारत माता की जय का नारा लगाकर अपनी देशभक्ति को साबित नहीं कर सकते.
कहा कि सदन में विपक्षी नेताओं की तेवर देखकर नटसम्राट का आभास होता है. मुख्यमंत्री ने कोरोना, किसान, हिंदुत्व आदि मुद्दों पर आक्रामक रूप से भाजपा को जवाब दिया
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औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करके रहेंगे
उन्होंने एक बार फिर भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि मातोश्री में उनके और अमित शाह के बीच जो चर्चा हुई थी, उससे भाजपा बेशर्मी से मुकर गयी. उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव से पूर्व उन्हें सीएम पद देने की बात हुई थी.
राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा में शामिल उद्धव ठाकरे ने कहा, हिंदुत्व का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा का साहस तब कहां चला गया था, जब बाबरी मस्जिद गिरी थी. हम तब भी हिंदू थे, आज भी हिंदू हैं और कल भी हिंदू रहेंगे. भाजपा हमें हिंदुत्व न सिखाये.
हम झूठ नहीं बोलते हैं. जो कहते हैं करके दिखाते हैं. हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करके रहेंगे और विदर्भ को महाराष्ट्र के कतई अलग नहीं होने देंगे.
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स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शिवसेना नहीं थी, लेकिन आरएसएस तो था
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शिवसेना नहीं थी, लेकिन भाजपा का आरएसएस तो था. लेकिन उसने संग्राम में हिस्सा नहीं लिया. अब भारत माता की जय के नारे लगाकर वे अपनी देशभक्ति साबित नहीं कर सकते. आप सत्ता में आने के बाद भी लोगों को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं.
इस क्रम में उद्धव ठाकरे ने कहा, भाजपा वीडी सावरकर को भारत रत्न नहीं दिला पायी. पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गयू. अचानक लॉकडाउन कर दिया. मराठी भाषा को क्लासिकल स्टेटस नहीं दिया. 2019 में विधानसभा के चुनाव में बराबर सीट शेयरिंग और मुख्यमंत्री पद के कथित वादे को लेकर भी उद्धव ठाकरे भाजपा पर बरसे.
उन्होंने कहा कि जब इस मुद्दे पर अमित शाह से बात हुई थी तब देवेंद्र फडणवीस कमरे में मौजूद नहीं थे. लेकिन जो बातें कमरे के अंदर तय हुई थीं, बाहर जाकर बेशर्मी से इनकार कर दिया. ठाकरे ने पूछा, जब फडणवीस सरकार ने वीडी सावरकर को भारत रत्न देने के लिए पत्र लिखे, तो उसपर अमल क्यों नहीं किया गया था.
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देश का किसान देशद्रोही नहीं है
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में किसानों की बिजली को लेकर विपक्ष काफी आक्रामक है. हमने तो महाराष्ट्र के किसानों के बिजली कनेक्शन न काटने का फैसला ले लिया है, लेकिन वहां दिल्ली में सीमा पर बैठे किसानों की बिजली, पानी, टॉइलेट सब तोड़े जा रहे हैं, उसका क्या है?
किसानों को उनके ही देश में, देश की राजधानी में आने से रोका जा रहा है. मुख्यमंत्री ने आक्रामक लहजे में कहा, देश का किसान देशद्रोही नहीं है और यह देश तुम्हारी बपौती नहीं है.
हमें हिंदुत्व मत सिखाओ
हिंदुत्व के मुद्दे पर भी भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए ठाकरे ने कहा कि हमें हिंदुत्व मत सिखाओ. तुम बार-बार बालासाहेब को याद करते हो उसके लिए धन्यवाद, लेकिन उनके हिंदुत्व को भी मत भूलो.