Palamu: लगातार.इन को जिले के हैदनगर स्थित विंध्यवासिनी नर्सिंग होम में अवैध खून के कारोबार की जानकारी मिली. जिसके बाद लगातार. इन ने इस मामले की पड़ताल की. पड़ताल में निजी नर्सिंग होम मां विध्यवासिनी नर्सिंग होम में खून की अवैध खरीद-बिक्री और असुरक्षित तरीके से मरीजों को खून चढ़ाने की बात सामने आई है.
सवालों के घेरे में जिले का स्वास्थ्य महकमा
दरअसल इस नर्सिंग होम में अवैध रूप से मरीज के परिजनों से खून लिया जाता है और दस-दस हजार रुपये में जरूरतमंद मरीजों को चढ़ा दिया जाता है. आरोप है कि बिना जांच पड़ताल किये मरीजों को ब्लड चढ़ा दिया जाता है. जिसके बाद कई मरीजों की जान भी जा चुकी है.
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देखें वीडियो किस तरह मरीजों को अवैध रूप से चढ़ाया जा रहा ब्लड
इस वीडियो में देखिए कैसे अवैध नर्सिंग होम में मरीजों को अवैध ब्लड चढ़ाया जा रहा है. आपको बता दें कि हैदरनगर के चिकित्सक प्रभारी भी इस वीडियो में साफ नजर आ रहे हैं. जब लगातार न्यूज की टीम ने ग्राउंड जीरो पर उतर कर पड़ताल की तो पता चला कि यह मां विंध्यवासिनी हॉस्पिटल का मामला है और उस हॉस्पिटल में चिकित्सा प्रभारी खुद जांच करने गए थे लेकिन जांच कर तो आए लेकिन कुछ कर नहीं पाए. ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसकी मिलीभगत से इस हॉस्पिटल में अवैध रूप से खून का उलट-पलट किया जा रहा है.
बता दें कि इस हॉस्पिटल में अभी तक से कम 500 मरीजों का ऑपरेशन हो चुका है जिसमें गलती से एक 27 महिला वर्षीय महिला की बच्चेदानी काटकर निकाल दिया गया था.
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मेडिकल साइंस में क्या है ब्लड के लेन-देन का मापदंड
मेडिकल साइंस के मुताबिक मजीरों को ब्लड बैंक से ही खून लेना चाहिए, लेकिन यहां ब्लड बैंक के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. अब तक यहां पर 300 यूनिट ब्लड अवैध रूप से मरीजों को चढ़ाया गया है. इस सवाल पर स्वास्थ्य महकमे के अफसर चुप्पी साध ले रहे हैं. मगर आंकड़े नर्सिंग होम और पैथोलॉजी लैब में खून निकालने की ओर इशारा कर रहे हैं.
कैसे होता है ब्लड का अवैध कारोबार
वैसे तो पलामू जिले में एक ब्लड बैंक है और वह भी जिला अस्पताल में है. सूत्रों पर विश्वास करें तो अवैध नर्सिंग होम में डॉक्टर मरीज को ब्लड बैंक तक भेजते ही नहीं हैं. लैब पर ब्लड ग्रुप की जांच कराकर मरीज के परिजन या रिश्तेदारों से हाथों-हाथ खून निकाल मरीजों को चढ़ाया जा रहा है.
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अवैध नर्सिंग होम पर नहीं होती छापेमारी
पलामू में स्वास्थ्य विभाग अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी लैब, झोलाछाप के विरुद्ध छापेमारी तो करता है, लेकिन नर्सिंग होम, प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिकों पर आज तक सही से छापेमारी नहीं की गई अगर होता भी है तो सब लीपापोती.
क्या कहा हैदरनगर चिकित्सा प्रभारी ने
हैदरनगर चिकित्सा प्रभारी से जब इस संबंध में बात की गई, तो उनका साफ-साफ कहना था कि नर्सिंग होम, प्राइवेट अस्पतालों पर छापेमारी करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है. डॉक्टर साहब सही कह रहे हैं या फिर बचाने की कोशिश कर रहे हैं, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.