Ranchi: सत्ता शीर्ष तक पहुंच रखने वाले दो लोगों के दबाव में आकर हजारीबाग DIG और एसपी ने 34 वर्षों से खासमहल जमीन पर चल रहे थाना को हटा दिया. इसे लेकर अधिवक्ता राम शुभग सिंह से डीजीपी से डीआईजी नरेंद्र सिंह और एसपी मनोज रतन चौथे की शिकायत की है.
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मुफस्सिल थाना को कहीं और किया गया शिफ्ट
अधिवक्ता ने डीजीपी से की शिकायत में कहा है कि मुझे पता चला है कि हजारीबाग मुफस्सिल थाना पिछले 34 वर्षों से खासमहल जमीन पर चल रहा था. डीआईजी नरेंद्र सिंह और एसपी मनोज रतन चौथे ने इस साल जनवरी महीने में डीआईजी और एसपी की मदद से सत्ता शीर्ष तक पहुंच रखने वाले दो लोगों ने आईआरएस अधिकारी आकाश जैन की मदद करने के लिए थाना को दूसरी जगह शिफ्ट करा दिया. आकाश जैन वर्तमान में उप निदेशक, ईडी के पद पर पदस्थापित हैं.
2007 में जमीन का लीज हो गया था खत्म
अधिवक्ता ने शिकायत करते हुए कहा है कि जिस जमीन पर हजारीबाग मुफस्सिल चल रहा था, वह खास महल की जमीन थी. जिसका लीज वर्ष 2007 में समाप्त हो गया था. यह अच्छी तरह से तय है कि खास महल जमीन केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए लीज पर दिया जा सकता है न कि व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए, जिस महिला को जमीन का लीज दिया गया था, आकाश जैन उसका अपना बेटा नहीं है.
बंदोबस्त पूरी तरह से कानून के खिलाफ
अधिवक्ता ने शिकायत में कहा है कि आकाश जैन के नाम पट्टे का बंदोबस्त पूरी तरह से कानून के खिलाफ है और इसमें मामले में बड़ा घोटाला हुआ है और वर्तमान में आकाश जैन डेवलपर की मदद से 200 करोड़ के मूल्य के मॉल का निर्माण करने जा रहे हैं.
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