Guwahati : असम के मोरीगांव में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज लव और लैंड जिहाद का मुद्दा उठाते हुए कानून बनाने की बात कही. शाह ने लोगों से वादा किया कि अगर उनकी सरकार आती है तो लैंड और लव जिहाद पर कानून बनाया जायेगा. बता दें कि अमित शाह के बयान को 2011 की जनगणना के उस आंकड़े से जोड़ा जा रहा है, जिसमें असम में मुस्लिमों की 30 फीसदी आबादी की बात कही गयी थी. इस क्रम में शाह ने कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रेह बदरुद्दीन अजमल पर भी जमकर हल्ला बोला.
शाह ने भी असम की रैली में कहा कि वह AIUDF के चीफ बदरुद्दीन अजमल को असम की पहचान नहीं बनने दे सकते. बता दें कि बीजेपी आरोप लगाती रही है कि बदरुद्दीन अजमल की सरकार आयी तो असम में घुसपैठ और लव जिहाद जैसे मामले बढ़ेंगे. बीजेपी के अनुसार असम में कांग्रेस की सरकार के समय मुस्लिम जनसंख्या तेजी से बढ़ी है. लव जिहाद और घुसपैठ जैसे अपराधों को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है.
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2011 में 5 से 25 फीसदी हो गयी मुस्लिम आबादी!
कुछ रिपोर्ट्स के हवाले से बीजेपी नेता आरोप लगाते रहे हैं कि असम में 2001 में मुस्लिमों की जो जनसंख्या 5 फीसदी थी, वह 2011 में 25 फीसदी तक हो गयी. आने वाले समय में घुसपैठ के प्रभाव से असम मुस्लिम बाहुल्य प्रदेश बन जायेगा असम में घुसपैठ का मुद्दा चुनावी रैलियों का अहम रहा है. बीजेपी कहती रही है कि उसकी सरकार आने के बाद घुसपैठियों को असम से बाहर निकाला जायेगा.
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सात जिलों में बढ़ी है मुस्लिम आबादी
असम में मुस्लिमों की बढ़ती आबादी के कारण राज्य के 11 जिले ऐसे हैं, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों की आबादी हिंदुओं से अधिक हो गयी है. दावा है कि जहां हिंदुओं की जनसंख्या की वृद्धि दर 2-3 फीसदी है, वहीं मुस्लिम 20-25 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस की सरकारों में इन सभी को संरक्षण देकर अधिकार दिये गये हैं. बदरुद्दीन अजमल जैसे नेताओं के साथ कांग्रेस फिर सत्ता में आती है तो एक बार फिर यही होगा.
सीमांत जिलों में ही बढ़ रही संख्या
मोरीगांव के अलावा लिस्ट में करीमगंज, नाइगांव, गोलपाड़ा, हैलाकांडी, धुबरी, बारपेटा के नाम भी शामिल हैं. ये सभी इलाके सीमांत क्षेत्रों में हैं और यहां पर बांग्लादेश के रास्ते घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है. ऐसे में बीजेपी को सत्ता में लाने की अपील करने वाले पार्टी के शीर्ष नेता कहते हैं कि अगर कांग्रेस की सत्ता AIUDF जैसे संगठनों की मदद से आती है तो यहां पर घुसपैठ को रोकना असंभव होगा
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