मृत्यु भोज के नाम पर होने वाली फिजूलखर्ची के पैसे से जनसेवा की दिखाई राह
Suraj Kumar
Chouparan : हजारीबाग के चौपारण प्रखंड अंतर्गत नरचा खुर्द के गायत्री परिवार के सदस्य प्रदीप गुप्ता ने अपने पिता स्व. बैजनाथ साव की मृत्यु के बाद श्राद्धकर्म में भोज नहीं करा कर श्मशान घाट में बोरिंग करवाकर चापानल लगवा एक अनोखी पहल की शुरुआत की है. इस संबंध में उन्होंने बताया कि मृत्यु भोज के नाम पर होने वाले फिजूलखर्च को बचाने का प्रयास किया और उसी राशि से जनहित का काम कर दिया. अब श्मशान घाट में किसी को पानी की दिक्कत नहीं होगी.
हजारीबाग की खबरों के लिए यहां क्लिक करें
उन्होंने बताया कि नरचा खुर्द में श्मशान घाट और छठ तालाब दोनों एक ही मोड़ पर है, जहां से कई गांव जुड़ते हैं. उधर से रोज हजारों लोगों का आना जाना होता है. उनलोगों को भी प्यास बुझाने में काफी परेशानी होती थी. पानी के लिए चापानल बहुत जरूरी था. इस समस्या को देखते हुए प्रदीप गुप्ता ने पिता का मृत्यु भोज नहीं करके वहां चापानल लगवा दिया. इससे कई लोगों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी. इस सकारात्मक पहल का समर्थन नरचा खुर्द के वासियों ने भी किया. ग्रामीणों ने कहा कि यह चापानल स्व. बैजनाथ साव की मृत्यु के उपरांत हमें मिला है. हमलोग उनके तीनों बेटे प्रदीप गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता और सपूत गुप्ता के प्रति आभारी हैं.
इसे भी पढ़ें : अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक का मलबा देखने गयी लापता पनडुब्बी की तलाश जारी, खत्म होने वाली है ऑक्सीजन…