Patna : बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच गंगा नदी में बहती लाशें मिलने से सनसनी फैली हुई है. बिहार की नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी है. पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने इस मामले में यूपी और बिहार सरकार पर निशाना साधा है. लालू यादव ने ट्वीट किया कि गंगा में 2000 से अधिक लाशें मिली हैं.
मृतकों के परिजनों के पास जलाने के लिए लकड़ियां तक नहीं
कहा कि इतनी गरीबी है कि मृतकों के परिजनों के पास जलाने के लिए लकड़ियां तक नहीं है. ना ही कफन खरीदने के लिए पैसे हैं. लालू प्रसाद ने कहा कि इसलिए लोग शवों को गंगा जी में बहा दे रहे हैं या फिर दफन कर रहे हैं. लालू ने तंज कसते हुए कहा कि इन सब बातों पर सरकार का ध्यान नहीं है. केंद्र का नीति आयोग सरकारी संपत्ति के निजीकरण की योजना में व्यस्त है.
गंगा में शवों का अंबार मिलना चिंताजनक
लालू यादव ने कहा कि गंगा मैया की गोद में लाशों का अंबार लगना बेहद चिंताजनक, शर्मनाक और दर्दनाक है. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर किसकी लापरवाही से यह सब हो रहा है. उन्होंने यूपी और बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि यूपी-बिहार के बेटों अपनी जीवनदीयिनी गंगा मां को बचाओ.
गंगा नदी में बिहार सरकार ने महाजाल लगवाया था
बता दें कि पिछले दिनों बक्सर के चौसा में गंगा नदी में बिहार सरकार ने महाजाल लगवाया था. इसमें यूपी से बहकर आ रहे 71 शव मिलने के बाद बिहार और उत्तर प्रदेश प्रशासन के बीच दोषारोपण शुरू हो गया. बिहार सरकार ने गंगा नदी में मिले शवों की तहकीकात करायी, तो जानकारी मिली कि ये लाशें बिहार की नहीं उत्तर प्रदेश की हैं. इसके बाद बिहार सरकार ने गंगा नदी में उत्तर प्रदेश बार्डर के पास महाजाल लगा दिया, ताकि यूपी में यदि लाशें फेकी जाये तो वे बहकर बिहार में नहीं आ पाये.
तेजस्वी के निशाने पर बिहार सरकार
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी बिहार सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर मानक के अनुसार आरटी-पीसीआर टेस्ट कोरोना जांच का गोल्ड स्टैंडर्ड है. आरटी-पीसीआर टेस्ट कुल जांच का 70 फीसदी होना चाहिए. लेकिन बिहार में केवल 25-30 फीसदी ही आरटी-पीसीआर जांच हो रही है.