Lagatar Desk: कोरोना संक्रमण के दौरान जान जोखिम में डालकर शादी करने पहुंचे अनपढ़ता दूल्हे को महंगा पड़ा. गाजे—बाजे के साथा दरवाजे पर बारात आई. वरमाला का कार्यक्रम शुरू हुआ. तभी दुल्हन को इस बात की भनक लग गई कि दूल्हा पढ़ा-लिखा नहीं है. इसी बात पर दुल्हन ने दूल्हे से दो का पहाड़ा पूछ लिया. दुल्हन ने कहां कि अगर तुम दो का पहाड़ा नहीं सुना पाओगे, तो मैं तुम्हारे साथ शादी नहीं करूंगी. दूल्हा पहाड़ा नहीं सुना पाया. और फिर दुल्हन ने शादी करने से मना कर दिया. समारोह स्थल पर भोजन शुरू करने वाले बारातियों को हाथ में लिया प्लेट वापस रखना पड़ा. बारातियों को पंडाल से बाहर जाने को कह दिया गया. यह मामला उत्तर प्रदेश के महोबा जिले की है, यहां के पनवाड़ी थाना क्षेत्र में बारात आई थी.
थाने तक पहुंच गया मामला
बारात में यह बात जैसे फैली, हंगामा खड़ा हो गया. काफी मनाने के बाद भी दुल्हन नहीं मानी. अंततः शादी रद्द करने का फैसला लिया गया. यह बात थाने तक भी पहुंच गई. फिर थानेदार को इस मामले में सुलह करानी पड़ी. थानेदार ने सुलहनामा लिखवाया जिसके हिसाब से दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के सभी सामानों, गहनों और पैसों को वापस किया. सुलहनामा में यह तय हुआ कि लड़के वाले लड़की वालों को खाने और अन्य चीजों पर खर्च हुए चार लाख रुपये वापस करेंगे. इसके साथ ही वे एक-दूसरे को दिए हुए सामान भी वापस करेंगे. सुलहनामा में लड़की वालों को प्रथम पक्ष और लड़के वालों को द्वितीय पक्ष बनाया गया. यह भी लिखा गया कि कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.