NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि यूपी में जल्द से जल्द निकाय चुनाव करायें जायें. सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश से साफ हो गया है कि अब चुनाव ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद ही होगा.
यानी नगर निकाय चुनाव तीन माह बाद ही संभव हो पायेंगे. फिलहाल यह रोक तीन हफ्ते तक की है, तब तक सरकार को बताना होगा कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट कितनी जल्दी आ सकती है. CM योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है. कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गयी समय सीमा के भीतर ओबीसी आरक्षण लागू कर निकाय चुनाव संपन्न कराने में सहयोग करेगी.
SC stays Allahabad HC order to conduct local body polls without OBC quota by January end
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— ANI Digital (@ani_digital) January 4, 2023
The Government of Uttar Pradesh will cooperate in the completion of civic elections by implementing OBC reservation within the time limit given by the Supreme Court: CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/gewQc357sw
— ANI (@ANI) January 4, 2023
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योगी सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी की थी
थोड़ा पीछे जायें तो 5 दिसंबर को यूपी की योगी सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी की थी. लेकिन आरक्षण सूची के खिलाफ कुछ याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ताओं के अनुसार सरकार ने ओबीसी आरक्षण सूची जारी करने में ट्रिपल टेस्ट के फॉर्मूले का पालन नहीं किया था और न ही कोई ओबीसी कमीशन बनाया था.
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण सूची रद्द की
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ओबीसी आरक्षण सूची रद्द करते हुए आदेश दिया कि सरकार जनवरी में नगर निकाय चुनाव करा दे. इस क्रम में हाई कोर्ट ने कहा था कि सरकार को ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए एक डेडिकेटेड आयोग का गठन करना चाहिए था, जिससे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले का पालन हो सके.
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इलाहाबाद कोर्ट ने प्रशासक की नियुक्ति पर भी लगाई थी रोक
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार पर गाज गिराते हुए प्रशासक की नियुक्ति भी रद्द कर दी थी. इसके स्थान पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने को कहा, जिसमें डीएम, नगर आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य होंगे. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
यूपी सरकार ने ओबीसी कमीशन का गठन कर दिया
इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय के बीच यूपी सरकार ने ओबीसी आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के पालन के लिए ओबीसी कमीशन का गठन कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में आज यूपी सरकार ने जानकारी दी कि ओबीसी आयोग को ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट देने में तीन माह का समय लगेगा.
डीलिमिटेशन की प्रकिया 3 महीने में पूरी करने की बात कही
खबर है कि यूपी सरकार ने नगर निकाय चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्य में डीलिमिटेशन की प्रकिया 3 महीने में पूरी कर लेंगे. इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि तीन महीने का समय बहुत लंबा है, क्या इसको और पहले नहीं पूरा किया जा सकता है? इस पर यूपी सरकार की ओर से कहागया कमीशन के अध्यक्ष नियुक्त किये गये जज से पूछकर बताना होगा कि कितना समय लगेगा.
इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी तक चुनाव कराने की हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. यानी अब ओबीसी आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही यूपी में नगर निकाय चुनाव हो सकेंगे. यूपी में अब 31 मार्च से पहले नगर निकाय चुनाव होना संभव नहीं है.
प्रशासक की नियुक्ति को हरी झंडी
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के प्रशासक नियुक्ति के फैसले को पलटते हुए कहा कि जिन नगर निकाय का कार्यकाल खत्म हो रहा है, वहां पर प्रशासकों की नियुक्ति की जा सकती है, लेकिन उन्हें अहम फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा. हाई कोर्ट के जिन दो फेसलों से यूपी सरकार बैकफुट पर थी, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.