Ranchi : पारस अस्पताल में एक रेलकर्मी के त्रिनाथ राव की मौत के बाद मंगलवार को पारस अस्पताल में हंगामा हो गया. राव के भाई श्रीनिवास राव ने अपने भाई की मृत्यु के लिए पूरी तरह अस्पताल की व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि सात अप्रैल को भर्ती मरीज की कोरोना जांच फर्जी है. यह रिपोर्ट चार अप्रैल की है, जबकि उन्होंने अपने भाई को अस्पताल में सात अप्रैल को भर्ती कराया था. अस्पताल प्रबंधन फर्जी तरीके से मरीज को कोरोना पॉजिटिव घोषित कर उनकी जान ले ली है. इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कार्रवाई करने की गुहार लगायी है.
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परिजनों ने लगाया आरोप
राव ने कहा कि उसके भाई की ठीक से इलाज नहीं किया गया. मरीज को अस्पताल में सात अप्रैल को भर्ती कराया गया. उन्हें कमजोरी के साथ हल्का बुखार था. भर्ती के समय चिकित्सकों ने उनसे कहा कि केस नॉर्मल है. चिंता की कोई बात नहीं है. कल ही स्वस्थ होकर घर चले जाएंगे. लेकिन अगले दिन जब वह अस्पताल गए, तो डॉक्टर ने उनसे कहा कि मरीज की कोरोना जांच हुई है और वे पॉजिटिव हैं. इसके बाद उन्होंने चिकित्सकों से इलाज करने को कहा.
अगले दिन जब उन्होंने जांच रिपोर्ट मांगी तो उन्हें अगले दिन देने की बात कही गई. लेकिन अगले दिन भी रिपोर्ट नहीं मिलने पर उन्होंने दबाव बनाया. वह अपने मरीज को छोड़ने की मांग करने लगे. रिपोर्ट देने के नाम पर उनके मरीज को पांच दिन रोका गया. कोरोना के नाम पर अपने मरीज से मिलने नहीं दिया गया. इसके बाद दबाव बनाने पर चिकित्सक ने उन्हें रेमडिसीवर दवा लाने को कहा. इस दवा की खोज में उन्होंने पूरे शहर को छान मारी, लेकिन दवा उन्हें नहीं मिली. अंतत: उनकी भाई की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि एडमिशन के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पहले 10 हजार रु लिए. फिर 62 हजार का बिल थमा दिया.
भाई ने अस्पताल से हटाने की लगाई थी गुहार
श्रीनिवास ने कहा कि अस्पताल में भर्ती अपने छोटे भाई से वीडियो कॉलिंग पर बात की थी. वह वहां की व्यवस्था से काफी नाराज था. उसने कहा कि उसका कुछ भी इलाज नहीं किया जा रहा. उसे जल्द यहां से हटाने की व्यवस्था करने के लिए आग्रह किया. लेकिन अस्पताल प्रबंधन के आगे उनकी एक नहीं चली.