Washington : अमेरिका द्वारा वाशिंगटन में रूसी राजनयिक मिशन से 10 अधिकारियों को निष्कासित कर दिये जाने की खबर आयी है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि जिन 10 राजनयिकों को निकाला गया है, उनमें रूसी खुफिया सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं.
गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाते हुए नये आदेश पर हस्ताक्षर किये हैं. अमेरिका के अनुसार उसने देश की संप्रभुता और हितों के खिलाफ रूस की गतिविधियों पर कार्रवाई की है.
रूस के खिलाफ पहली बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई
बाइडन ने कांग्रेस को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने रूस की हरकतों, खासतौर पर निष्पक्ष एवं स्वतंत्र लोकतांत्रिक चुनाव की प्रक्रिया को कमजोर करने के प्रयासों पर विचार किया है. इसके जरिए रूस को संदेश दिया गया है कि अगर वो अपनी अस्थिरता पैदा करने वाली अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों को जारी रखता है या बढ़ाता है तो अमेरिका उस पर रणनीतिक व आर्थिक कार्रवाई करेगा.
जान लें कि अमेरिका ने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने तथा संघीय एजेंसियों में सेंधमारी करने के लिए रूस को जवाबदेह ठहराते हुए कार्रवाई की है. राजनीतिक हलकों में कई सप्ताह से प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्रवाई किये का पूर्वाभास था। अमेरिका द्वारा चुनाव में हस्तक्षेप और हैकिंग को लेकर जवाबी कार्रवाई करते हुए रूस के खिलाफ पहली बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गयी है.
रूस ने अमेरिका की गोपनीय जानकारी जुटाने की कोशिश की
माना जाता है कि रूस ने व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर में सेंधमारी की थी, ताकि वे कम से कम नौ एजेंसियों के नेटवर्कों को हैक कर सकें. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि रूस ने उनकी सरकार की गोपनीय जानकारी जुटाने की कोशिश की. अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मदद के लिए एक अभियान की मंजूरी दी थी.
लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रूस या किसी अन्य ने मतों में या परिणामों में हेरफेर किया. गुरुवार को घोषित प्रतिबंधों में छह रूसी कंपनियों पर पाबंदियां शामिल हैं जो देश की साइबर गतिविधियों में मदद करती हैं. बता दें कि पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश करने तथा दुष्प्रचार करने के आरोपों में 32 लोगों और निकायों पर प्रतिबंध लगाये गये थे.