Joshimath : आदि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि के रूप में जाना जाने वाला जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है. इसके घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं. बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है. स्थानीय लोगों ने कहना है कि यहां कई घर धंस गये हैं. खबरों के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोखिम वाले घरों में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल अन्यत्र भेजे जाने का आदेश दिया है.
Joshimath land subsidence | Uttarakhand CM Pushkar conducts a ground inspection of the affected areas. He will also meet the affected families. pic.twitter.com/UX6SXt92MM
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 7, 2023
जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव के दृष्टिगत वहां के नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए SDRF, NDRF, आपदा प्रबंधन एवं जिला प्रशासन की टीम राहत एवं बचाव कार्य में पूरी तत्परता से जुटी हुई है। pic.twitter.com/iVaBdPn326
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 6, 2023
We are also contemplating if people need to be migrated from here & rehabilitated. We are also finding out a location for this. As of now, this is the winter season. So, we are looking into the issues that need to be addressed immediately: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/LJRbmFlvLR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 7, 2023
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एक मंदिर के ढह जाने से वहां के निवासी चिंतित हैं
जोशीमठ में शुक्रवार की शाम एक मंदिर के ढह जाने से वहां के निवासी चिंतित हैं. लोग एक साल से अधिक समय से अपने-अपने घरों की दरकती दीवारों के बीच लगातार भय के साये में जी रहे हैं. जोशीमठ नगर निकाय के पूर्व अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने बताया कि यह समस्या 14-15 माह पहले गांधीनगर क्षेत्र में शुरू हुई. धीरे-धीरे यह सुनील, मनोहर बाग, सिंगधार तथा मारवाड़ी जैसे अन्य क्षेत्रों में फैलती चली गयी. उन्होंने कहा, सुनील में सकलानी परिवार का घर ढह गया, एक पखवाड़ा पहले जब होटल माउंटेन व्यू और मलारी इन की दीवारों में बड़ी दरारें पड़ गयीं तो खतरे का अलार्म बज गया, जिसके कारण इन होटलों को बंद करना पड़ा.
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विष्णुपुरम को तब पूरी तरह से खाली कराना पड़ा
नगर निकाय के पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि होटल के नीचे के घरों में रहने वाले पांच परिवारों के घरों को नुकसान हुआ है. ऋषि प्रसाद सती ने बताया कि भगवती प्रसाद कपरवान, दुर्गा प्रसाद कपरवान, मदन प्रसाद कपरवान और माधवी सती के घरों को भारी नुकसान पहुंचा है. दीवारों और छत में पड़ी दरारों वाले कमरे में खड़ी संजना नामक लड़की ने कहा, दरारें डेढ़ साल से दिख रही हैं.
इस क्रम में जेपी वेंचर्स कंपनी के अधिकारी कर्नल टीएन थापा ने कहा कि कंपनी की 420 मेगावाट की विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना के कर्मचारियों की पॉश कॉलोनी विष्णुपुरम को तब पूरी तरह से खाली कराना पड़ा, जब तीन जनवरी को इसके ठीक बीच में बड़ी दरारें दिखाई दीं और कई घर गिर गये.
कंपनी का गेस्ट हाउस और कैंटीन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये
उन्होंने कहा कि कॉलोनी में रहने वाले लगभग 150 कर्मचारियों में से किसी को हालांकि चोट नहीं लगी,, लेकिन कंपनी का गेस्ट हाउस और कैंटीन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती के अनुसार लोग बांस के खंभों की मदद से और रस्सी बांधकर अपने-अपने घरों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जोशीमठ रणनीतिक, धार्मिक और पर्यटन महत्व का अंतिम सीमावर्ती शहर है जो भूकंपीय क्षेत्र-5 की श्रेणी में आता है, अगर भूकंप आता है तो क्षेत्र में भारी जनहानि और संपत्ति का नुकसान होगा. सती ने चेतावती देते हुए निवासियों के तत्काल पुनर्वास की मांग की. खबर है कि मारवाड़ी क्षेत्र के पास जेपी कॉलोनी में दो दिन पहले अचानक पानी का बहाव तेज हो गया, जिससे लोग सहम गये. जोशीमठ के रविग्राम, गांधीनगर, मनोहरबाग, सिंघाधर वार्ड में भूस्खलन की सर्वाधिक घटनाएं देखी जा रही हैं.