LagatarDesk : हिंदी पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है. हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है. इस दिन सुहागिन अपने अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं. सुहागिन व्रत करके अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. साथ ही सुखमय वैवाहिक जीवन की मनोकामना करती हैं.
सावित्री ने वट के नीचे ही पति को किया था दोबारा जीवित
ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था. हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. इस साल वट सावित्री व्रत 10 जून दिन गुरुवार को है.
व्रत में सुहागिन वट वृक्ष की करती हैं पूजा
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को सुहागीन अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं. इस दिन वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. महिलाएं वट को कलावा बांधते हुए वृक्ष की परिक्रमा करती हैं.
वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त
वट सावित्री व्रत 10 जून दिन गुरुवार को रखा जायेगा. अमावस्या 09 जून को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से ही शुरू हो रहा है. यह 10 जून को शाम 04 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. सुहागीन व्रत का पारण 11 जून को करेंगी.
पूजन सामग्री
बांस की लकड़ी से बना बेना (पंखा), अक्षत, हल्दी, अगरबत्ती या धूपबत्ती, लाल-पीले रंग का कलावा, सोलह श्रंगार, तांबे के लोटे में पानी, सिंदूर, लाल रंग का वस्त्र पूजा में बिछाने के लिए, पांच प्रकार के फल, बरगद का फल और पकवान आदि.
वट सावित्री व्रत पूजन विधि
वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए एक बांस की टोकरी में सात तरह के अनाज रखे जाते हैं, जिसे कपड़े के दो टुकड़ों से ढक दिया जाता है. एक दूसरी बांस की टोकरी में देवी सावित्री की प्रतिमा रखी जाती है. वट वृक्ष पर महिलायें जल चढ़ा कर कुमकुम, अक्षत चढ़ाती हैं. फिर मौली धागे से वट वृक्ष को बांधकर उसके सात चक्कर लगाया जाता है. चने गुड़ का प्रसाद बांटा जाता है. इसके बाद महिलाएं कथा सुनती हैं. पूजा खत्म होने के बाद ब्राह्मणों को वस्त्र तथा फल आदि दान करें.
10 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण भी
10 जून को वट सावित्री व्रत के साथ साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा. यह ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और शाम 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा. ग्रहण के दौरान पूजा-अर्चना की मनाही होती है. ऐसे में महिलाएं संशय में हैं कि 10 जून को वट पूजा करें या नहीं. आपको बता दें कि 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आयेगा. साथ ही इसका भारत में प्रभाव भी नहीं दिखेगा. इसलिए भारत में सूतक नहीं लगेगा. ऐसे में हर साल की तरह सुहागीन इस व्रत को कर सकती हैं.
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