New Delhi : सरकार अब गांवों तक प्ले स्कूल का कॉन्सेप्ट पहुंचा रही है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को विद्या प्रवेश प्रोग्राम लॉन्च किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी घोषणा की. नयी शिक्षा नीति की मंजूरी मिलने के एक साल पूरे होने के मौके पर पीएम ने इसका एलान किया. मौके पर प्रधानमंत्री ने एजुकेशन सेक्टर से जुड़े लोगों, शिक्षक और छात्रों से सीधी बात की. मौके पर उन्होंने दो बड़े ऐलान किये. पहला यह कि गांवों में भी बच्चों को प्ले स्कूल की सुविधा मिलेगी. दूसरा यह कि स्थानीय भाषाओं को भी प्रमुखता देने का फैसला लिया है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब तमिल, मराठा, बांग्ला समेत 5 भाषाओं में शुरू होने वाली है. इसके अलावा कुल 11 भाषाओं में इंजीनियरिंग के कोर्स का अनुवाद शुरू हो चुका है. इसका सबसे ज्यादा लाभ देश के गरीब और मिडिल क्लास के स्टूडेंट्स को होगा. दलितों और आदिवासियों को होगा. इन्हीं परिवारों से आने वाले लोगों को लैंग्वेज डिवाइड का सामना करना पड़ता था. मातृभाषा में पढ़ाई से गरीबों का बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. इसके अलावा प्रारंभिक शिक्षा में भी मातृभाषा को प्रमोट करने का काम शुरू हो गया है.
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देशवासियों और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी
प्रधानमंत्री ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने कहा कि बीते एक साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार बनाकर बहुत से फैसले लिए गए. हमें यह याद रखना है कि नई शिक्षा नीति ही भविष्य के भारत का आधार तैयार करेगी और तमाम अन्य फैक्टर्स में से सबसे अहम कारण होगी. 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्था और अपनी दुनिया को अपने ही हिसाब से बनाना चाहता है. ऐसे में उसे एक्सपोजर चाहिए और पुराने बंधनों से मुक्ति चाहिए. उन्होंने कहा कि बीते एक साल में आप सभी लोगों, शिक्षकों, प्रिंसिपल और नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में मेहनत की है. कोरोना के इस काल में भी लाखों नागरिकों, शिक्षकों, राज्यों से सुझाव लेकर, टास्क फोर्स बनाकर शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है.