Kiriburu : सारंडा के करमपदा, नवागांव एवं भनगांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने मंगलवार को किरीबुरु थाना पहुंचकर घंटों धरना और प्रदर्शन किया. राजेश मुंडा व मंगरा मुंडा के नेतृत्व में उक्त गांवों से विभिन्न वाहनों व माध्यमों से ये पहले बिरसा स्मारक किरीबुरु पहुंचे और फिर वहां से रैली की शक्ल में तख्तियां पकडे़ हुए थाना पहुंचे. ग्रामीणों का मुख्य आरोप है कि कथित मजदूर नेता जॉन मिरन मुंडा, मान सिंह तिरिया के इशारे पर बोगदा कोचा बस्ती की बसंती गुड़िया द्वारा हमारे गांव के मनोज शर्मा, चन्द्रराम मुंडा, शाह ब्रदर्श खदान के महाप्रबंधक दिलीप मिश्रा आदि के खिलाफ किरीबुरु थाना में मारपीट करने तथा प्रताड़ित करने संबंधित झूठी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. जबकि जिस घटना का जिक्र किया जा रहा है उस घटना के समय उक्त लोग मौजूद ही नहीं थे. ना ही उन्होंने किसी के साथ मारपीट की है. ग्रामीणों ने थाना प्रभारी अशोक कुमार से आग्रह किया कि वह बसंती, शांति, मान सिंह तिरिया, महेश सिंह, सन्यासी को थाना बुलायें और हमारे सामने पूछें कि क्या वैसी घटना हुई है. अगर नहीं तो सभी का नाम केस से हटाया जाये. ग्रामीण केस करनेवाली बसंती गुड़िया व अन्य लोगों को थाना बुलाकर बातचीत करने की मांग पर थाना के बाहर ही डटे रहे. हालांकि किरीबुरु थाना प्रभारी अशोक कुमार के समझाने के बाद अंततः करमपदा, नवागांव, भनगांव के ग्रामीणों व महिलाओं ने शाम लगभग सवा छः बजे अपना धरना वापस लिया और अपने-अपने गांव लौटे.
शाह ब्रदर्स खदान को बंद कराकर हमें बेरोजगार करने का प्रयास किया जा रहा
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि हमारे द्वारा भी मान सिंह तिरिया, बसंती गुड़िया, शांति पूर्ति, महेश सिंह, सन्यासी आदि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसके आधार पर पुलिस इन्हें अविलंब गिरफ्तार कर जेल भेजे. क्योंकि ये लोग निरंतर भ्रामक खबरें फैलाकर हमें बदनाम करने के साथ-साथ गांव का माहौल को खराब कर ग्रामीणों को आक्रोशित कर रहे हैं. ग्रामीणों ने मान सिंह तिरिया, बसंती, शांति आदि पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शाह ब्रदर्स खदान को बंद कराकर हम सैकड़ों रोजगार प्राप्त ग्रामीणों को बेरोजगार करने का प्रयास किया जा रहा है. अगर ऐसा नहीं है तो वह किसके आदेश के तहत खदान का कार्य व माल ढुलाई ठप कराने आयी, गांव के ग्रामीणों के साथ मारपीट व गाली-गलौज किया गया. ग्रामीण जब इसका विरोध किये तो वे रेलवे ट्रैक होते भागने लगे जिस क्रम में बसंती गुड़िया ट्रैक पर गिरी, जिसमें उसे चोट आयी. बसंती गुड़िया व उसके साथ में आयी कुछ महिलाएं स्वंय अपना कपड़ा फाड़कर तथा बाल खोलकर ग्रामीणों को झूठे केस में फंसाने की बात कह रही थी और उसने वैसा ही किया. इसका प्रमाण भी हमारे पास मौजूद है. बसंती गुड़िया का मोबाइल ट्रैक पर पडा़ मिला, जिसे वापस करने हेतु उसे बुलाया गया लेकिन वह नहीं आयी. हम आज उसके मोबाईल को थाना में जमा करायेंगे. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि मान सिंह तिरिया व बसंती जैसे लोग हम ग्रामीणों से रसीद देकर पैसा उगाही का भी कार्य कर रहे हैं. उक्त ग्रामीणों पर किये गये केस को पुलिस हर हाल में वापस ले और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर जो भी दोषी हैं, उन्हें सजा दे. ग्रामीणों ने कहा कि हम उक्त खदान जो हमारे जीने का आधार है को किसी भी परिस्थिति में मान सिंह तिरिया व बसंती आदि जैसे लोगों के गलत प्रयास से बंद होने नहीं देंगे.
अनुसंधान के बाद ही पता चलेगा कौन दोषी, कौन निर्दोष: थाना प्रभारी
ग्रामीणों को समझाते हुए थाना प्रभारी अशोक कुमार ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का आवेदन थाना में आता है तो उसपर एफआईआर दर्ज की जाती है. मामले के अनुसंधान में दोषी पाये जाने के बाद ही किसी की गिरफ्तारी होती है. जब तक अनुसंधान पूरा नहीं हो जाता तब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी. जिन लोगों का केस में नाम है उनके बारे में अनुसंधान किया जा रहा है कि क्या वह घटना के समय मौजूद व शामिल थे और शिकायतकर्ता के साथ मारपीट आदि किये थे या नहीं. जो निर्दाेष होंगे उन्हें किसी भी प्रकार की सजा नहीं दिलाई जायेगी. थाना में शिकायत दर्ज कराने के लिये कोई भी व्यक्ति स्वतंत्र है. अनुसंधान के बाद आपको जानकारी दी जायेगी कि नामजद आरोपी दोषी हैं या निर्दाेष हैं. किसी भी ग्रामीण पर झूठा केस नहीं होगा.