Dumka: दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड में केंद्र सरकार द्वारा कई कोल ब्लॉक आवंटित किए गए हैं. इसमें उत्तरप्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और ब्राह्मणी नॉर्थ चिचरो पाटोशिमल बेस कोल ब्लॉक भी शामिल है. यह कोल ब्लॉक जहां आवंटित किया गया है वहां के ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं.
हुलसडंगाल गांव में महाग्रामसभा आयोजित हुआ
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें कोल ब्लॉक के लिए अपनी जमीन नहीं देनी है. इस कड़ी में बुधवार को कोल ब्लॉक के विरोध में शिकारीपाड़ा प्रखंड के हुलसडंगाल गांव में एक महा ग्रामसभा आयोजित किया गया. इसमें दो दर्जन गांव के लोगों ने भाग लिया. सबसे बड़ी बात यह है कि दुमका जिला परिषद की अध्यक्ष जोयेस बेसरा, जो शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक नलिन सोरेन की पत्नी हैं, वह भी इस ग्रामसभा में न केवल शामिल हुईं, आंदोलन में गांव वालों के साथ खड़ी देखी गयीं. महाग्रामसभा में शामिल लोग प्रांरपरिक हथियारों, तीर-धनुष, तलवार, दबिया, कचिया, कुल्हाड़ी और लाठी-डंडा से लैस होकर कोल ब्लॉक के लिए जमीन नहीं देने की बात पर अड़े दिखे. ग्रामीण कोल ब्लॉक वापस जाओ, जान देंगे जमीन नहीं देंगे जैसे नारे लगाते दिखे और जिप अध्यक्ष जोयेस बेसरा भी उन लोगों के समर्थन नारेबाजी कीं.
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हमारे पुरखों की जमीन है
जोयेस बेसरा ने कहा कि यह हमारे पुरखों की जमीन है. हमने विस्थापन नीति के तहत जमशेदपुर, बोकारो और धनबाद में विस्थापितों को जो मुआवजा दिया गया है, उसे देखा है. उस आधार पर तो हमारे लोग ठगे जाएंगे. अगर हमें जमीन से खदेड़ा जाएगा तो हम मर जाएंगे. कहा कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार अन्याय कर रही है. इधर विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि अगर राज्य या केंद्र सरकार जबरन जमीन लेना चाहेगी तो उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा. वे लोग कोल ब्लॉक के लिए अपनी एक इंच भी जमीन नहीं देंगे.
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