Ranchi : एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस. दरअसल यह वायरस लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया. देश के कई शहरों में एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस फैल चुका है और इससे पीड़ित तीन लोगों की मौत भी चुकी है. धीरे-धीरे यह लोगों को बीमार करता जा रहा है. हर दिन एक या दो मरीजों के सैंपल में एच3एन2 इंफ्लूएंजा की पुष्टि हो रही है. यह वायरस बच्चों और युवाओं की बजाय बीमार लोगों और बुजुर्गों के लिए घातक माना जा रहा है. ऐसे में सावधानी और सतर्कता बरतना जरूरी है. लेकिन राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए अलर्ट जारी कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने तैयार है. राज्य के सदर अस्पताल समेत सभी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है, ताकि मरीजों का जल्द इलाज कर उन्हें राहत दिया जा सके. इसे लेकर अस्पतालों में किस तरह की व्यवस्था की गयी है और कितनी तैयारी है, इसे जानने के लिए शुभम संदेश की टीम ने चिकित्सा केंद्रों का दौरा किया और संबंधित अधिकारियों से बात कर चिकित्सा व्यवस्था की वास्तविक स्थिति पर तैयार की रिपोर्ट…
फुसरो : न कोई गाइडलाइन और न सैंपल जांच की ही कोई व्यवस्था
फुसरो स्थित अनुमंडलीय अस्पताल बेरमो में इंफ्लूएंजा वायरस एच3एन2 की प्रारंभिक इलाज के लिए चिकित्सक और अस्पताल तैयार है. हालांकि अभी तक क्षेत्र में वायरस की पुष्टि नहीं हुई है. इसलिए थोड़ी राहत है. ये बातें अनुमंडलीय अस्पताल बेरमो की प्रभारी चिकित्सक डॉ.नवीन बारला ने कहीं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में बेड की कमी नहीं है. लेकिन विशेष तैयारी के लिए अभी तक कोई निर्देश भी नहीं आया है. जिला स्तर पर भी वायरस की जांच की सुविधा नहीं है. अगर इस तरह का कोई बीमार व्यक्ति आएगा तो उसका सैंपल जिला मुख्यालय भेजा जाएगा. लेकिन इसकी जांच कोलकाता में होती है. फिर वहां से आएगा.
डॉ.नवीन बारला ने कहा कि फिलहाल वो ट्रेनिंग के लिए बोकारो में हूैं. यहां इंफ्लुएंजा वायरस को लेकर तैयारी के संबंध में विचार किया जा रहा है. विशेष दिशा निर्देश मिलने के बाद सभी इस बीमारी की रोकथाम की दिशा में विशेष सक्रिय होंगे. वैसे वायरस से लड़ने के लिए हमलोग पूरी तरह तैयार हैं. कहा कि इस समय सावधान रहने की जरूरत है. खांसते एवं छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से कवर करना चाहिए. हाथों को समय-समय पर पानी एवं साबुन से धोते रहना चाहिए. स्वयं को हाइड्रेट रखना चाहिए. बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल दवा अवश्य लें. सार्वजनिक स्थल पर न थूकें. चिकित्सक की सलाह लिये बिना एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लें. इसका ध्यान रखना चाहिए. इससे वायरस से निपटने में आसानी होगी.
हजारीबाग : अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 बेड तैयार रखा है
कोरोना के बाद अब इनफ्लुएंजा वायरस एच3एन2 का खतरा बढ़ गया है. इसके बढ़ते मामले को देखते हुए झारखंड सरकार ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस बार इसको लेकर भी तैयारी चल रही है. 13 मार्च को ही सरकार की ओर से एडवाइजरी शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को भेज दी गई है, लेकिन घोर आश्चर्य की बात यह है कि यहां किट नहीं होने के कारण टेस्ट नहीं हो सकता है.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुप्रीडेंट डॉक्टर विनोद कुमार ने जानकारी दिया कि आरटी-पीसीआर मशीन से ही इनफ्लुएंजा वायरस का टेस्ट किया जाएगा. लेकिन टेस्ट करने के लिए जो किट की आवश्यकता होती है, वह हमारे पास नहीं है. सरकार की ओर से जब हमलोगों को उपलब्ध करा दिया जाएगा तो हमलोग टेस्ट करा पाएंगे. उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे पास इस तरह के संक्रमित व्यक्ति नहीं पहुंचे हैं. कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पुराने आईसीयू भवन के पहले तल्ले में हमलोगों ने 20 बेड तैयार रखा है. अगर संक्रमित मरीज आएंगे तो हमलोग उन्हें वहां आइसोलेट कर सकते हैं. हमलोगों को सिर्फ वर्क स्टेशन बनाना होगा.
दवा के बारे में उन्होंने जानकारी दिया कि एंटीबायोटिक समेत अन्य दवा हमारे पास उपलब्ध हैं. जो कोविड-19 प्रोटोकॉल होता है, उसी प्रोटोकॉल को हम लोगों को फॉलो करना है. ऑक्सीजन के लिए दोनों प्लांट काम कर रहा है. प्रचुर मात्रा में हमारे पास ऑक्सीजन सिलेंडर भी है. इस कारण ऑक्सीजन को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने जा रही है. उन्होंने बताया कि इस संक्रमण में खांसी काफी लंबे समय तक हो जाता है और गले में सुरसुराहट महसूस होती है. कोई भी व्यक्ति अगर इस तरह से संक्रमित है तो उसे डॉक्टर से मिलना चाहिए, ताकि इलाज शुरू हो सके. उन्होंने आम लोगों से पैनिक नहीं होने की अपील की है. अगर खांसी है तो डॉक्टर से मिलें, इसका इलाज संभव है.
गोड्डा :
सरकार की गाइडलाइन पर काम कर रहा विभाग
इ न्फ्लूएंजा वायरस के नए वैरिएंट एच3एन2 अब झारखंड भी पहुंच चुका है. इसके मरीजों में वायरस के लक्ष्ण दिखने लगे हैं. इसे लेकर झारखंड सरकार ने गाइडलाइन ज़ारी किया है. जिसके बाद से जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ज़रूरी व्यवस्था करने में जुट गया है. सदर अस्पताल में इसके लिए तैयारी कर ली गई है. विभिन्न प्रखंडों में भी वायरस को लेकर ज़रूरी दिशा निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग भी लगातार मॉनिटरिंग में लगा है. साथ ही लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है.
सर्दी खांसी से घबराने की जरूरत नहीं है
डॉ अनंत झा सिविल सर्जन डॉ.अनंत नारायण झा ने कहा है कि सामान्य सर्दी खांसी से घबराने की जरूरत नहीं है. अगर सर्दी खांसी ज्यादा दिन रहे और जांच में लक्षण पाए गये तो उसकी विशेष चिकित्सा की जरूरत होगी. ज़िले में अभी तक ऐसा कोई मामला नही आया है. कहा कि अस्पताल प्रबंधन सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार काम कर रहा है. सीएस ने लोगों से जागरूक रहने और भीड़ में जाने से परहेज करने को कहा है.
धनबाद में इंफ्लूएंजा का एक भी मरीज नहीं पर अस्पताल है तैयार
कोविड-19 की तरह धनबाद में भी इंफ्लूएंजा वाइरस एच3 एन2 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस तथ्य को एसएनएमएमसीएच और सदर अस्पताल के चिकित्सक और जिम्मेवार भी स्वीकार करते हैं. इंफ्लूएंजा वायरस की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार ने भी अलर्ट जारी किया है. हालांकि धनबाद में अब तक इंफ्लूएंजा वाइरस एच3 एन2 के एक भी मामला सामने नहीं आया है. एच3एन2 वायरस के लक्षण कोविड-19 की तरह ही हैं. धनबाद में इस संक्रमण से निपटने के लिए सरकारी अस्पताल पूरी तरह तैयार है. हालांकि अस्पतालों में बेड सुरक्षित नहीं रखे गए हैं. यह संक्रमण कोविड-19 की तरह जानलेवा नहीं है. लेकिन लोगों को सजग रहना है. इस घातक वायरस का फैलाव रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड़ में है. ओपीडी में सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों की जांच व उनके सैंपल जमशेदपुर के एमजीएम और रांची के रिम्स भेजा जा रहा है. जैसी परिस्थिति आएगी उस तरह से काम किया जाएगा.
गाइडलाइन के अनुसार ही मरीजों की कर रहे हैं जांच : सीएस आलोक विश्वकर्मा
सिविल सर्जन आलोक विश्वकर्मा का कहना है कि मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण सर्दी, खांसी और बुखार वाले मरीजों की संख्या में थोड़ी तेजी आई है. बदलते मौसम के साथ लोग संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. लेकिन ऐसे मरीजों पर पाबंदी व रोकने से माहौल खराब हो सकता है. फिलहाल अस्पतालों को दिशा निर्देश दिया गया है. गाइडलाइन के अनुसार अस्पताल चौकसी बरतते हुए मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
फिलहाल जिले में एक भी केस नहीं, लेकिन एहतियात जरूरी : राजकुमार सिंह
जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग के प्रभारी डॉ. राजकुमार सिंह कहते हैं कि फिलहाल जिले में एक भी पॉजिटिव केस नहीं है. लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. संक्रमण से बचने के लिए एहतियात के तौर पर भीड़भाड़ वाले इलाके से परहेज व मास्क लगाना है. राज्य सरकार की गाइडलाइन के तहत सदर अस्पताल वैसे मरीजों पर विशेष ध्यान रख रहा है, जो सर्दी, खांसी से पीड़ित हैं. वैसे मरीजों को चिह्नित कर सैंपल ले रहे हैं.
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैलता है इंफ्लूएंजा : डॉ विकास
जनरल फिजिशियन डॉक्टर विकास राणा के अनुसार संक्रमण का सबसे बड़ा कारण बदलता मौसम है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क या हवा से व सतहों के माध्यम से संक्रमित बूंदों का स्थानांतरण दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है. इस मौसम में बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. मुख्य लक्षण के रूप में नाक बहना, तेज बुखार, शुरुआत में गीली और बाद में लंबे समय तक सूखी खांसी, गले में खरास, मांसपेशी-जोड़ों में दर्द व थकावट जैसी समस्याएं सामने आती हैं. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. इसके लिए थोड़ी सावधानी बरती जाय तो इस वायरस से मुकाबला किया जा सकता है. चिंता नहीं करनी है.
जामताड़ा :
इंफ्लूएंजा को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है
जिस तरह से एच3एन2 के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वह अच्छा संकेत नहीं है. इसे देखते हुए राज्य सरकार अलर्ट मोड में है. वहीं इंफ्लूएंजा वायरस एच3एन2 को लेकर राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है. लेकिन सदर अस्पताल जामताड़ा में इस अलर्ट का कोई असर नज़र नहीं आ रहा है. अस्पताल में इंफ्लूएंजा वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज़ के लिए न तो अलग वार्ड बना है और ना ही इसके लिए जांच की कोई व्यवस्था हुई है. औपचारिकता के लिए जिलास्तर पर इंफ्लूएंजा वायरस एच3एन2 से बचाव के लिए मास्क के प्रयोग के लिए लोगों से अपील की गई है. जो कि काफी नहीं है. हालांक लोग इसे लेकर सजग हो रहे हैं. जबकि इसे लेकर विभाग को पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए था. इसके लिए अलग से वार्ड बनाया जाना चाहिए था.
सिविल सर्जन डॉ. एसके मिश्रा ने कहा कि इंफ्लूएंजा से पीड़ित मरीज़ के इलाज़ में पैरासिटामोल सहित अन्य दवाओं का सेवन करना होता है, जो सदर अस्पताल में उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि जिले में एच3एन2 के संदिग्ध मामले अभी नहीं आए है. फिर भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से इंफ्लूएंजा वायरस से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वैसे सदर अस्पताल हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
चाईबासा :
एच3एन2 मरीजों के लिए बन रहा है 40 बेड का वार्ड
ए च3एन2 को लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयार है. चाईबासा सदर अस्पताल में भी इंफ्लूएंजा एच3एन2 की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. सरकार की ओर से मिले गाइडलाइन के तहत सदर अस्पताल में तैयारी कर ली गई है.
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ साहिर पॉल ने कहा कि उक्त वायरस को लेकर सदर अस्पताल के साथ निजी अस्पतालों को भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. सदर अस्पताल में अलग से 40 बेड का वार्ड बनाया जा रहा है. साथ ही कोविड के लिए भी अलग वार्ड तैयार किया गया है. बीमारी के लक्षण और बचाव के लिये तैयारियों का विवरण भी दिया गया है. वायरस एक प्रकार का इंफ्लुएंजा वायरस है. इसे इंफ्लूएंजा-ए वायरस भी कहा जाता है. यह सांस से संबंधित संक्रमण है, जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है. देश के विभिन्न हिस्सों में एच3एन2 (इंफ्लूएंजा वायरस) के कई मामले प्रतिवेदित हो रहे हैं. गाइडलाइन के तहत सदर अस्पताल चाईबासा में रूटीन से अलग हटकर सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. खांसते एवं छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से कवर करें. हाथों को समय-समय पर पानी एवं साबुन से धोते रहें. स्वयं को हाइड्रेट रखें. पानी, फ्रूट जूस या अन्य तरल पदार्थ लेते रहें. नाक और मुंह को छूने से परहेज करें.
देवघर :
एच3एन2 वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
खांसी और बुखार से संबंधित नया वायरस एच3एन2 अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. प्रदेश में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं. कोरोना वायरस से निजात मिलते ही देश में एच3एन2 इनफ्लुएंजा वायरस लोगों को चपेट में लने लगा है. वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. चिकित्साकर्मियों को अलर्ट मोड में रखा गया है. सदर अस्पताल में पूरी तैयारी की गई है. लोगों को सलाह दी जा रही है कि सर्दी, खांसी और बुखार होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें व मास्क का इस्तेमाल करें.
देवघर सिविल सर्जन डॉ. जुगल चौधरी ने बताया कि एच3एन2 वायरस से निपटने के लिए पूरी एहतियात बरती जा रही है. आशंका होने पर रक्त का सैंपल रांची व जमशेदपुर भेजा जाएगा. लोगों से अपील है कि मास्क का उपोयग करें, दूरी बनाकर रहें, गरम पानी पीएं. एच3एन2 वायरस से संबंधित दवाइयां पर्याप्त मात्रा में स्टॉक में रखा गया है. जरूरत पड़ने पर मरीजों को दवाइयां दी जाएगी. पर्याप्त मात्रा में बेड की व्यवस्था है. एच3एन2 वायरस ने निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है. किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. मरीजों को कोई परेशानी नहीं होगी.
जमशेदपुर :
एच3एन2 वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
न ए इंफ्लूएंजा वायरस एच3एन2 के खतरे को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ. जुझार मांझी ने बताया कि कोरोना की तरह इंफ्लूएंजा भी खतरनाक है. इससे लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है. एमजीएम और सदर अस्पताल को विशेष रूप से अलर्ट रहने को कहा गया है. सभी निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम को पत्र लिखकर उक्त इंफ्लूएंजा वायरस के संभावित लक्षण वाले मरीजों की सूचना विभाग को उपलब्ध कराने व उसका सैंपल लेने के लिए कहा गया है. जिले में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां पूरी हैं. जिले में सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में बेड के साथ-साथ ऑक्सीजन पर्याप्त है. गंभीर परिस्थिति में आईसीयू और सीसीयू बेड भी ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के साथ उपलब्ध हैं.
सीएस ने कहा कि एमजीएम अस्पताल में लगभग 500 बेड हैं. इसी तरह सदर अस्पताल में 180 ऑक्सीजनयुक्त बेड हैं. इसमें 20 बेड बच्चों के लिए सुरक्षित हैं. दोनों अस्पतालों में पीएम केयर्स से 950 एलपीएम की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट है. वहीं राज्य सरकार की निधि से उतनी ही क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट तैयार है. इससे 500 बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकती है. वहीं संभावित लक्षण वाले मरीजों के लिए दोनों अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं.
साहिबगंज :
सदर अस्पताल में 10 बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है
को रोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ और एच3एन2 वायरस का प्रवेश हो गया. लोगों को अब इससे लड़ना होगा. इसके लिए तैयार रहना होगा. वैसे जिले में एच3एन2 इनफ्लुएंजा वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है.
साहिबगंज सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने बताया कि वायरस को लेकर जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में 5 बेड और सदर अस्पताल में 10 बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है. जिला स्वास्थ्य केंद्रों के सभी डॉक्टर, एएनएम, एमपीडब्ल्यू व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को तैयार रहने को कहा गया है. वायरस से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है. डॉक्टरों को गाइडलाइन दिया जा चुका है. सर्दी खांसी वाले मरीज मिलने पर तत्काल सिविल सर्जन कार्यालय को सूचना देने का निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन ने लोगों से हाथों की सफाई करने, भीड़भाड़ से बचने, बेवजह बाजार नहीं निकलने, मास्क का इस्तेमाल करने समेत अन्य सावधानी बरतने की अपील की है. सर्दी खांसी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच कराने की सलाह दी गई है. साथ ही लोगों से अपील की कि खुद भी सतर्क रहें. खांसते एवं छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढक कर रखें.
लातेहार :
20 बेड वाले आइसीयू वार्ड को सक्रिय कर दिया गया है
पू री दुनिया अभी कोरोना संक्रमण से उभर भी नहीं पायी है कि अब इंप्लूएंजा वाइरस एच3एन2 का डर सता रहा है. इसके कदम झारखंड में भी पहुंच चुके हैं. इसे लेकर झारखंड में राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है. काफी संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं. लातेहार में भी सर्दी खांसी व बुखार के रोगी बढ़ रहे हैं. हालांकि अभी तक इस वायरस से संक्रमित एक भी रोगी जिले में नहीं पाये गये हैं. सदर अस्पताल के ओपीडी व अन्य अस्पतालों में रोजाना तकरीबन एक सौ रोगी सर्दी, खांसी व बुखार के आ रहे हैं.
सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि ऐसे रोगियों का सावधानीपूर्वक इलाज किया जा रहा है. सभी प्रकार के टेस्ट कराये जा रहे हैं. अस्पताल में आने वाले लोगों को मास्क लगाने, पर्याप्त दूरी बनाये रखने एवं नियमित हैंडवाश करने की सलाह दी जा रही है. सीएस ने बताया कि एच3एन2 को लेकर सभी एहतियात बरती जा रही है. सदर अस्पताल में 20 बेड वाला आइसीयू वार्ड को सक्रिय कर दिया गया है. ऑक्सीजन प्लांट को भी क्रियाशील कर दिया गया है. डॉ दिनेश ने बताया कि इन दिनों कोविड टेस्ट की संख्या भी बढ़ा दी गयी है. प्रखंडों के भी सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है. लोगों को परेशान होने कि चिंता नहीं है.
आदित्यपुर :
सदर अस्पताल एच3एन2 से लड़ने के लिए तैयार
सदर अस्पताल सरायकेला इन्फ्लूएंजा एच3एन2 से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है. यहां पर पूरी व्यवस्था की गई है. यहां 6 बेड का आईसीयू और 10 बेड का आइसोलेटेड वार्ड तैयार है. वैसे अब तक जिले में इन्फ्लूएंजा का कोई मरीज नहीं मिला है. उक्त बातें जिले के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने कहीं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है. किसी भी की परिस्थिति आने पर विभाग तैयार है. वहां के सभी प्रभारियों को इन्फ्लूएंजा के मरीज मिलने पर उनकी देखरेख के साथ सदर अस्पताल भेजने का आदेश दिया गया है. मरीजों के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.
सिविल सर्जन ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी आइसोलेटेड बेड तैयार करने को कहा गया है. जिले के उपायुक्त के निर्देश पर जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी बनी है जो हालात पर नियंत्रण रखने के लिए 24 घंटे तैयार है. कहा कि यह सांस की बीमारी है. वायरस संक्रमित बूंदों से फैलता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार लोगों में अगर लक्षण दिखाई दें तो साबुन और पानी से हाथ धोएं, मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. इसे लेकर चिंता नहीं करें.
गिरिडीह :
410 ऑक्सीजन सुविधायुक्त बेड व आईसीयू तैयार है
जि ले में एच3एन2 वायरस और इनफ्लुएंजा को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. हालांकि कोविड-19 काल से ही गिरिडीह में ऑक्सीजन, बेड, दवा व उपकरणों को दुरुस्त कर लिया गया है.
सिविल सर्जन डॉ. एसपी मिश्रा ने बताया कि वायरस को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को तैयार रखा गया है. स्वास्थ्य महकमा सतर्क है. वायरस के फैलने पर इससे निपटने की सारी तैयारी कर ली गई है. 410 ऑक्सीजन सुविधायुक्त बेड और आईसीयू को तैयार रखा गया है. पर्याप्त मात्रा में सैंपल किट स्टॉक में रखा गया है. वायरस का प्रकोप बढ़ने पर जांच किट से सैंपल लेकर रांची रिम्स भेजा जाएगा. हालांकि जिले में अभी तक एच3एन2 के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं. एहतियात के तौर पर लोगों को मास्क पहनने, एक दूसरे से हाथ नहीं मिलाने व भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी जा रही है. जिले में सदर अस्पताल समेत विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सामान्य वायरल बुखार के मरीजों की संख्या विगत कई दिनों से बढ़ रही है. आम दिनों में सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या जहां दो से ढ़ाई सौ रहती थी, फिलहाल यह संख्या तीन सौ से ऊपर पहुंच जा रही है. इसे लेकर हमलोग पूरी तरह से सतर्क हैं.