Ranchi: विधानसभा के मॉनसून सत्र के चौथे दिन सदन में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब देने के निर्देश दिया. इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, हमारी सरकार भी इसके पक्ष में है कि पिछड़ों को आरक्षण मिले.
सीएम ने कहा, पक्ष और विपक्ष जब सभी सहमत हैं, तो ऐसे में सर्वसहमति से एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा सदन को केंद्र सरकार के लाये तीन कृषि कानून के विरोध में भी एक प्रस्ताव सर्वसहमति से सदन से पारित करा कर केंद्र को भेजना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि विगत एक साल से देश का किसान इस कानून के विरोध में भटक रहा है.
आपको पांच का समय मिला, पर आपने खो दिया, आज आप विपक्ष में है, कल बाहर होंगे
भाजपा विधायकों द्वारा नियोजन नीति के लगातार विरोध के बीच मुख्यमंत्री ने तल्ख शब्दों में कहा कि हमारी सरकार का तो यह पहला कदम है. देखते जाइये, नियोजन नीति भी आएगा. स्थानीय नीति भी. उस नीति में स्थानीयता का आधार 1932 हो या 36 होगा यह भी सभी के सामने आएगा. तब बीजेपी नेताओं को बोलने भी नहीं दिया जाएगा. क्योंकि उन्हें भी पांच साल का समय मिला था, आपने वह वक्त खो दिया है. इसी का नतीजा है कि आज आप विपक्ष में बैठे हैं और कल आप सदन से बाहर नजर आएंगे.
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi से मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM के नेतृत्व में जातिगत जनगणना को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही मुलाकात करेगा। इस संबंध में प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर मुलाकात हेतु तिथि एवं समय देने का अनुरोध किया है।
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) September 8, 2021
पीएम को लिखा पत्र, जातिगत आधारित जनगणना कराने से संबंधित मांग पत्र सौंपने के लिए मिले समय
सदन में मुख्यमंत्री ने जातिगत जनगणना पर भी सरकार का पक्ष रखा. हेमंत ने कहा कि मंगलवार को ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र में सीएम ने लिखा है कि उनके नेतृत्व में एक 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जातिगत आधारित जनगणना कराने से संबंधित मांग पत्र सौंपना चाहता है. ऐसे में उनकी पीएम से मांग है कि वे मिलने के लिए वे समय आवंटित करें.
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