Vinit Upadhyay
Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट और रांची सिविल कोर्ट में इस सप्ताह (1 से 7 अप्रैल तक) कई महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई हुई. हम आपको इस रिपोर्ट में पूरी जानकारी देंगे. शुरुआत करते हैं उस मामले से जिसपर वर्ष 2022 में भी सबकी निहाहें टिकी थी. यह मामला है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों को खनन पट्टा दिए जाने का. झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो की ओर से दाखिल एक नई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार और ED से जवाब मांगा है.
फांसी की सजा काट रहे 15 दोषियों की अपील पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने जमशेदपुर के घाघीडीह जेल के कैदी मनोज सिंह हत्याकांड के सभी दोषियों को सजा से मुक्त कर दिया. जमशेदपुर की निचली अदालत ने वर्ष 2022 में वासुदेव महतो, अरूप कुमार बोस, अजय मल्लाह, गोपाल तिरिया, श्यामू जोजो, शिव शंकर पासवान, गंगा खंडैत, जानी अंसारी, पंचानंद पात्रो, पिंकू पूर्ति, संजय दिग्घी, शरद गोप, राम राय सुरीन को फांसी की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने इस फैसले को बदल दिया और सभी दोषियों को बरी करने का निर्देश दिया.
रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी को भी इसी सप्ताह हाईकोर्ट से बेल मिल गई. जिसके बाद उनके जेल से निकलने का रास्ता साफ हो गया. उन्होंने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी और हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी.
इसी सप्ताह रांची के बूटी मोड़ के पास न्यूक्लियस ग्रुप द्वारा कराये जा रहे निर्माण के खिलाफ सेना की ओर से दाखिल याचिका को भी झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.
निचली अदालत में भी अप्रैल के पहले सप्ताह में कुछ महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हुई. जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग की आरोपी निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल की डिस्चार्ज याचिका ED कोर्ट ने खारिज कर दी. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक और मामले में अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के वकील राजीव कुमार और कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल की डिस्चार्ज याचिका को खारिज कर दी. यह केस PIL मैनेज करने के लिए कैश के लेनदेन से जुड़ा हुआ है.
इस सप्ताह बेल की अवधि खत्म होने के बाद भी सरेंडर नहीं करने के बाद मिड डे मिल घोटाले के आरोपी संजय तिवारी के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया. जिसके दो दिन बाद उसने सरेंडर कर दिया.