Kolkata : पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है. खबरों के अनुसार सीबीआई की चार स्पेशल यूनिट्स ने हिंसा की जांच के लिए राज्य में घटनास्थलो का जायजा लिया है. सीबीआई ने बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा को लेकर आरोप पत्र दायर किया है. जान लें कि बड़े अपराधों की जांच के लिए कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी थी.
बीरभूम के नलहाटी में भाजपा कार्यकर्ता मनोज जायसवाल की हत्या के मामले में सीबीआई ने हत्या के दो आरोपियों मोइनुद्दीन शेख और इमरान शेख के खिलाफ रामपुरहाट अनुमंडल अदालत में गुरुवार को 360 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया. इसके अलावा, सीबीआई के वकील ने दोनों आरोपियों को जेल हिरासत में रखने और मुकदमा चलाने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया और आरोपियों को जमानत याचिका को खारिज कर दी.
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हिंसा के मामले में अब तक 34 एफआईआर
जानकारी के अनुसार चुनाव बाद हिंसा के मामले में अभी तक 34 एफआईआर (FIR) दर्ज की जा चुकी है. गुरुवार की सुबह सीबीआई की एक टीम प्रेसिडेंसी जेल पहुंची. भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के पांच आरोपियों से जेल में पूछताछ की. सीबीआई अधिकारियों ने सोनारपुर पुलिस के जांच अधिकारी सुजय दास को सीजीओ कॉम्प्लेक्स में तलब किया थ, उनसे भी पूछताछ की. बता दें कि सुजय दास सोनारपुर में एक भाजपा नेता की हत्या के मामले में जांच अधिकारी हैं.
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी थी
कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने अगस्त में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कथित दुष्कर्म और हत्या के मामलों की जांच सीबीआई से कराने का फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने हिंसा के मामलों की जांच के लिए अलग-अलग जोन में काम बांटक मोर्चा संभाल लिया था. सूत्रों के अनुसार हर जोन में संयुक्त निदेश स्तर के एक अधिकारी इन्वेस्टिगेशन संभाल रहे हैं. सीबीआई ने राज्य में कुल चार टीमों को तैनात किया है, जिसे चार जोन में बांटा गया है.
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हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी गठित
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामलों में हत्या और रेप जैसी क्राइम की जांच के लिए सीबीआई को कोर्ट ने आदेश दिया है. अन्य गंभीर मामलों के लिए कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच कर रही है.
कलकत्ता हाईकोर्ट पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सीबीआई की मदद करने के लिए कहा है. एसआईटी में पश्चिम बंगाल कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी (आईपीएस) सुमन बाला साहू, सोमेन मित्रा और रणवीर कुमार को शामिल किया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जुलाई में हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी थी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जुलाई में एक विस्तृत रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में जिलेवार हिंसा की शिकायतों की जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट के अनुसार चुनाव बाद कूच बिहार सबसे अधिक हिंसाग्रस्त रहा. रिपोर्ट के अनुसार कूचबिहार में 322 हिंसा के मामले, बीरभूम में 314, दक्षिण 24 परगना में 203, उत्तर 24 परगना में 198, कोलकाता में 182 और पूर्वी बर्दवान में 113 हिंसा के मामले सामने आये हैं।.
29 मर्डर, 12 रेप, 940 आगजनी के मामले
जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने हत्या के 29 केस दर्ज किये हैं. जबकि 12 केस महिलाओं से छेड़छाड़ व रेप के हैं. 391 मामलों में 388 केस पुलिस ने गंभीर रूप से घायल किये जाने संबंधित दर्ज किये हैं. 940 लूट-आगजनी-तोड़फोड़ की शिकायतों में 609 एफआईआर दर्ज हुए किये गये हैं. धमकी, आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए डराने संबंधित 562 शिकायतों में महज 130 शिकायतें पर एफआईआर हुई हैं। चुनाव बाद हिंसा की पुलिस के पास कुल 1934 शिकायतें गई जिसमें 1168 केस ही दर्ज किये जाने की सूचना है.