Kolkata : एक समय ममता बनर्जी के करीबी माने जानेवाले दिनेश त्रिवेदी शनिवार को भाजपाई हो गये. दिनेश त्रिवेदी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. श्री नड्डा ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि त्रिवेदी एक सही आदमी हैं, जो गलत पार्टी के साथ थे .
बता दें कि राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने पिछले महीने राज्यसभा में घोषणा की थी कि वे टीएमसी से इस्तीफा दे रहे हैं. उसी समय से कयास लगाये जा रहे थे कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
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आज का दिन मेरे लिए स्वर्णिम पल है
दिनेश त्रिवेदी ने भाजपा की सदस्यता लेने के बाद कहा- आज का दिन मेरे लिए स्वर्णिम पल है. मुझे इसका इंतजार था. कहा कि हम सार्वजनिक जीवन में इसलिए हैं, क्योंकि जनता सर्वोपरि है. बताया कि एक पार्टी ऐसी होती है, जो परिवार सर्वोपरि होती है. वह पॉलिटिकल फैमिली होती है, जबकि दूसरी जनता फैमिली होती है. कहा कि मैं नाम लेना नहीं चाहता, पर वहां परिवार की सेवा होती है. साफ था कि उनका इशारा ममता और टीएमसी की ओर था.
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हिंसा, भ्रष्टाचार से जनता परेशान है
इस क्रम में त्रिवेदी ने टीएमसी का कच्चा चिट्ठा खोलते हुए कहा कि हम तंग आ चुके थे. हर जान-पहचान वाला, रिश्तेदार कहता था कि हमें हर काम में चंदा देना पड़ता है .यहां तक स्कूल निर्माण में भी चंदा लगता है. इतनी हिंसा, इतना भ्रष्टाचार.इससे जनता परेशान थी. आज बंगाल के लोग खुश हैं कि असली परिवर्तन होने जा रहा है. मैं जैसा हूं, जो भी हूं आदेश दीजिएगा .हम बंगाल की जनता के लिए काम करेंगे.
त्रिवेदी ने कहा कि बंगाल की जनता ने तृणमूल कांग्रेस को नकार दिया है. बंगाल की जनता तरक्की चाहती है वो हिंसा और भ्रष्टाचार नहीं चाहती. राजनीति कोई खेला नहीं होता, ये एक गंभीर चीज है. खेलते-खेलते वो (ममता बनर्जी) आदर्श भूल गयी हैं.
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तृणमूल कांग्रेस में भ्रष्टाचार, अवसरवादिता का बोलबाला
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा, दिनेश त्रिवेदी जी ने सत्ता को दरकिनार करते हुए, विचार की लड़ाई लड़ते हुए अपना जीवन गुजारा है. तृणमूल कांग्रेस में भ्रष्टाचार, अवसरवादिता, लोकतंत्र की हत्या, संस्थाओं का गला घोंटना, ये सब कुछ विराजमान है. इसीलिए संवेदनशील और विवेकशील व्यक्तित्व के धनी दिनेश त्रिवेदी ने तृणमूल को छोड़कर आज भाजपा को जॉइन किया है.
दिनेश त्रिवेदी 2009 से 2019 तक बंगाल की बैरकपुर सीट से लोकसभा सांसद रहे हैं. इसके बाद उन्हें 2020 में राज्यसभा भेजा गया. त्रिवेदी पहले दो बार 1990-96 और 2002-2008 तक राज्यसभा सदस्य रह चुके थे. उन्हें केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में 2010 से 2011 तक स्वास्थ्य राज्यमंत्री और इसके बाद 2011 से 2012 तक रेल मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. उन्हें 2016-17 सत्र के लिए बेस्ट सांसद का अवॉर्ड दिया गया था.