Kolkata : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में यदि किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला और त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है तो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस भाजपा से हाथ मिला सकती है. यह बात इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन शुक्रवार,12 फरवरी को सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कही.
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टीएमसी भाजपा की बी टीम
बता दें कि कॉन्क्लेव में चर्चा के क्रम में टीएमसी को भाजपा की बी टीम करार देते हुए सीताराम येचुरी ने कहा कि वह कौन था जो भारतीय जनता पार्टी को बंगाल में लाया? कौन था जिसने भाजपा के साथ गठबंधन किया और बंगाल में उन्हें सीटें दीं? और आज आसानी से एंटी-इनकंबेंसी की वजह से तृणमूल नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं और क्योंकि भाजपा ऐसा करने में कामयाब हो रही है.
येचुरी ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी पर हमला करते हुए कहा कि अगर आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनती है तो तृणमूल भाजपॉ के साथ भी जा सकती है. उनका ट्रैक रिकार्ड इस बात की ओर इशारा करता है.
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राजनीतिक दल चुनाव जीतने के मकसद से चुनाव लड़ते हैं
सीताराम येचुरी ने इस क्रम में कहा कि बंगाल में त्रिशंकु विधानसभा होने पर तृणमूल को जवाब देना होगा कि वह किसे (भाजपा और लेफ्ट) चुनेगी. दूसरा, यह नहीं है कि हम सिर्फ अपनी संख्या बढ़ाना चाहते हैं. हम इस खेल में गंभीर हैं. हर कोई युद्धपथ में है. कोई भी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के मकसद से ही चुनाव लड़ता है.
चुनाव में लेफ्ट फ्रंट और सीपीआईएम की संभावनाओं पर सीताराम येचुरी ने कहा, मैं अभी यह कह सकता हूं कि लोगों को वास्तव में उन दिनों (वाम सरकार) की फिर से वापस आने की उम्मीद करनी चाहिए. वामपंथ भविष्य है.
कॉन्क्लेव में जब पूछा गया कि आप भारतीय विपक्ष को भाजपा की ताकत के खिलाफ किस तरह से देखते हैं, इस पर येचुरी ने कहा कि भारतीय विपक्ष को अधिक समन्वित और एकजुट होना चाहिए. लेकिन इन दलों को एक साथ काम करने को लेकर बहुत कुछ करना होगा.