Kolkata : पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हालात का जायजा लेने के लिए राज्य के मंत्री सुजीत बोस और पार्थ भौमिक ने वहां का दौरा किया. इधर सीपीएम ने आरोप लगाया कि मीनाक्षी मुखोपाध्याय के नेतृत्व में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली के ग्रामीण इलाकों में जाने से रोक दिया. खबरों के अनुसार राज्य के दमकल सेवा मंत्री बोस तथा सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक ने संदेशखाली के विधायक सुकुमार महतो के साथ क्षेत्र का दौरा किया और ग्रामीणों से बात की तथा उनकी शिकायतें सुनीं.
#WATCH | West Bengal Ministers Sujit Bose and Partha Bhowmick visit Sandeshkhali and interact with the locals pic.twitter.com/2ZXmWoDSgB
— ANI (@ANI) February 24, 2024
#WATCH | West Bengal | CPI(M) leader Minakshi Mukherjee arrives in Sandeskhali, North 24 Parganas to meet the victims. pic.twitter.com/G51wpPgkPF
— ANI (@ANI) February 24, 2024
माकपा के कार्यकर्ताओं ने मझेर पारा में धरना दिया
मीनाक्षी मुखोपाध्याय के नेतृत्व में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने गावों की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया और इसके लिए धारा 144 लागू होने का हवाला दिया. उन्हें मझेर पारा इलाके में रोका गया जिसके बाद माकपा के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया और पुलिस के खिलाफ नारे लगाये. हालांकि मीनाक्षी मुखोपाध्याय संदेशखाली का दौरा करती नजर आयीं.
विजया भारतीय के नेतृत्व में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम ने आज शनिवार को दूसरे दिन संदेशखाली का दौरा किया. यह टीम तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा जमीन हड़पे जाने की आरोपों की जांच के सिलसिले में यहां पहुंची है.
मानवाधिकार आयोग टीम की तीन सदस्यीय टीम जेलियाखाली गयी
मानवाधिकार आयोग टीम का एक हिस्सा जिसमें तीन सदस्य शामिल थे ,वह जेलियाखाली गया, जबकि दो सदस्यों वाली टीम का दूसरा हिस्सा संदेशखाली पुलिस स्टेशन पहुंचा साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से भी बात की. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने भी इलाके का दौरा किया. एक अधिकारी ने बताया कि संदेशखाली के हलदर पारा इलाके में कुछ ग्रामीणों ने तृणमूल के एक समर्थक पर हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया लेकिन पुलिस ने हालात को काबू में कर लिया.
शुभेंदु ने संदेशखाली के हालात की तुलना नंदीग्राम से की
भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संदेशखाली के हालात की तुलना नंदीग्राम से की जहां 2007-08 में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन से तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आयी थी. उन्होंने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, संदेशखाली के हालात नंदीग्राम की तरह ही हैं…..लोगों ने भूमि पर कब्जे, यौन उत्पीड़न और इलाके में लोकतंत्र की हत्या समेत अन्य गंभीर आरोप लगाये हैं. संदेशखाली के कुछ हिस्सों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा अब भी लागू है.
पुलिस महानिदेशक ने ग्रामीणों में विश्वास पैदा करने के लिए 2 बार क्षेत्र का दौरा किया
उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गये प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग तथा राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्यों ने भी क्षेत्र का दौरा किया. पुलिस महानिदेशक ने भी ग्रामीणों में विश्वास पैदा करने के प्रयास के तहत दो बार क्षेत्र का दौरा किया है.