धनबाद : शहरी क्षेत्र से प्रति दिन निकलने वाले एक हजार टन गीले कचरे अब दुर्गंध नहीं फैलाएंगे. नगर निगम ने इन कचरों के निपटान सहित आमदनी का तरीका भी ढूंढ लिया है. सबकुछ ठीक रहा तो 10 दिसंबर से इन कचरों से जैविक खाद निकलने लगेगा. शुरुआत में निगम इस खाद का इस्तेमाल अपने पार्क में करेगा. इसके बाद धीरे धीरे खाद की बिक्री भी करेगा. नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि धनसार, हीरापुर, स्टीलगेट के साथ झरिया, कतरास, सिंदरी अंचल में ऑन साइड काम्पेक्टर स्टेशन बन रहा है, यहां गीले कचरे जैसे अंडे के छिलके, हड्डियां, सड़े-गले फूल, माला, फल, सब्जियों के छिलके आदि से जैविक खाद बनेगा. एक आन साइड काम्पेक्टर स्टेशन में हर दिन 100 किलो गीला कचरा कंपोस्ट तैयार होगा, इसमें 30 से 35 किलो तक खाद निकलेगा, छह आन साइड काम्पेक्टर स्टेशन से हर दिन 200 किलो खाद तैयार होगा. एक काम्पेक्टर स्टेशन पर साढ़े आठ लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं. हीरापुर में आन साइड काम्पेक्टर बनकर तैयार हो चुका है. अन्य जगहों पर भी निर्माण कार्य जारी है.
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