Lagatar Desk: अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद तालिबान ने 18 अगस्त की रात प्रेस कांफ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसने कई बातें कहीं. लेकिन कुछ उल्लेखनीय बातें हैं, जिसे जानना जरूरी है. प्रमुख बातों का जानना हमारे लिए इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि भारत में इन सवालों को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तमाम तरह की बातें कर रहे हैं.
– “हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ कोई उलझन नहीं चाहते हैं. हमें हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काम करने का अधिकार है. दूसरे देशों के अलग-अलग दृष्टिकोण, नियम और कानून हैं. हमारे मूल्यों के अनुसार, अफ़ग़ानों को अपने नियम और कानून तय करने का अधिकार है.”
– “हम शरिया व्यवस्था के तहत महिलाओं के हक़ तय करने को प्रतिबद्ध हैं. महिलाएं हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रही हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.”
– “हम यह तय करेंगे कि अफ़ग़ानिस्तान अब संघर्ष का मैदान नहीं रह गया है. हमने उन सभी को माफ़ कर दिया है, जिन्होंने हमारे ख़िलाफ़ लड़ाइयां लड़ीं. अब हमारी दुश्मनी ख़त्म हो गई है.”
– “हम अब बाहर या देश के भीतर कोई दुश्मन नहीं चाहते हैं. अब हम काबुल में अराजकता देखना नहीं चाहते.”
– “हम महिलाओं को अपनी व्यवस्था के भीतर काम करने और पढ़ने की अनुमति देने जा रहे हैं. महिलाएं हमारे समाज और हमारे ढांचे के भीतर अब बहुत सक्रिय होने जा रही हैं.”
– “हम किसी के साथ बदला लेने नहीं जा रहे हैं. जो युवा अफ़ग़ानिस्तान में पले-बढ़े हैं, हम नहीं चाहते कि वे यहां से चले जाएं. वे हमारी संपत्ति हैं. कोई भी उनके दरवाजे पर दस्तक देने और उनसे यह पूछने वाला नहीं है कि वे किसके लिए काम कर रहे हैं.”
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