Ranchi: राज्यसभा चुनाव में रिश्वत देने की कोशिश के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और सीएम के पूर्व सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट ( प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट ) के तहत केस चलाने की अनुमति दी है.
- मीडिया में खबर आने के बाद रघुवर दास बिफर पड़े है. उन्होंने कहा है कि सालों पुराने मामले में उन्हें फंसाया जा रहा है ? आपको क्या लगता है ? क्या सच में उन्हें फंसाया जा रहा है ?
- रघुवर दास ने अफसरों को चेतावनी दी है कि रिटायरमेंट के बाद भी नहीं छोड़ेंगे ? क्या इस तरह खुलेआम धमकाना जायज है ?
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Aksh
सरकार फंसा नहीं रही, अपनी करनी का फल भुगत रहे हैं रघुवर दास
Bilkul nahi.
In mannio ke khilaf yadi koi aarop Lagta hai to janch jaroor honi chahiye. Desh sanvidhaan ke tahat chale na ki apni marji ke hisaab se. Lekin aarop pratayarop rajnik pratidwnditaa ke Karan nahi hona chahiye.
सब राजनीति है और कुछ नहीं।
झारखंड अभी कराह रहा है कोरोना से बेरोजगारी से यास से पलायन और प्रवासियों से बीमारी और मौत से इस तरह के सैकड़ो समस्यायें सीना तान खड़ी है और इनलोगो को रघुवर की पड़ी है हद है।
हद है यह बिल्कुल मूर्खतापूर्ण कार्यवाही है बदले की भावना व्यक्त करने का यह समय नही।।
कोई सक नही हैं रघुवर दास जी ऐसा किए ही होंगे पूरा राज्य को बेच दिए ऐसा वो किए होंगे केस चलना चाहिए
कोई किसी को क्या फंसायेगा, लोग खुद ही अपने बुने जाल में फंस जाते हैं,
यही हाल यहाँ भी है..
No hemant soren sir making a good dicision i always stand. But raghuwar das is most rubbish cm in jharkhand So it must be
Raghubar das Kyo dar rahe hai,dud ka dud,pani ka pani hone se pahle hi?????
राजनीतिक दांवपेच का खेल है आज इनकी तो कल उनकी बारी है।
रघुवर दास जी एक अंहकारी नेता हैं। अफसरों को डराने-धमकाने में माहिर हैं। जिस तरह से झारखंड के जनता ने उनको सता से हटाया था यहां तक कि विधायक भी नहीं रहने दिया। जिससे बौखला कर पूर्व में किए गए मामलों को लेकर परेशान और हताश होकर अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
नही, रघुवर दास के कार्यकाल में खुली लूट हुई, नियमों को ताक पर रख कर खनिज की लूट, मोमेंटम झारखंड के नाम पर ऐयाशी, सभी विभागों में एक शैडो कार्यालय जिसे निगम बनाकर रखा गया, E&Y के छोकरों को रखना ,मुख्य सतिव को साथ रखकर कई घोटाले, सैकडों फाईलों को दबा कर रखे, जांच नही कराई !
अगर हेमंत सही में बदला लेने पर आएं तब तो रघुवर जी की जगह कहीं और रहेगी! काश झारखंड भाजपा के नेता गण जो आज इनसे किनारा किए हैं उस समय भी ईनसे अलग रहते ?
जब कभी भी किसी नेता पर कानून अपना हाथ डालता है तो उसे लगता है कि राजनीति से प्रेरित होकर किया गया है, रही बात रघुवर दास की तो उनके कार्यकाल में जितना भी किया गया कार्य किया गया है उन सभी पर जाँच होना चाहिए और उनपर कानून करवाई होना चाहिए साथ मे उसके बेटे की कम्पनी का भी जाँच होना चाहिए।
सरकार जब भी बदलती है इस तरह बदले की राजनीति अब आम बात हो गई है । कल फिर दूसरे दल की सरकार आयेगी फिर यही काम होगा ।
ये तो होना ही था । मगर सिर्फ जांच होता है गिरफ्तारी हो तब तो । तभी कुछ ठोस माना जायेगा ।
रस्सी जल गई…ऐंठन नहीं गई.
भाषा वही है, जो सीएम रहते थी.गरीबों का दास बोलकर सत्तासीन होनेवाले पहले गैरआदिवासी सीएम बनकर भी वही किया, जो सबने किया.
वो कहते हैं कि झारखंड में पहली बार बदले की राजनीति की शुरुआत हो रही है. वे शायद अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा प्रकरण भूल गए. जब एक सड़क पर सरकार गिरी और सड़क के कारण ही एक निर्दलीय सीएम के नेतृत्व में सरकार बनी.
हकीकत में वे झारखंड के पहले राजनीतिक शख्स हैं, जिन्होंने खुलेआम अधिकारियों को देख लेने की धमकी दी है.
दरअसल, इंजीनियर-ठेकेदार गठजोड़ के ईर्द-गिर्द ही झारखंड सरकार की धुरी घुमती रही है.यही हकीकत है.
अपने किये कर्म का भोग तो करना पड़ेगा ही। गलत तो गलत है। और हेमंत सरकार का एकदम सही निर्णय है।
I don’t no