Lagatar Desk: होली का त्यौहार लोग धूम धाम से मनाते हैं. देश के अलग-अलग जगहों पर होली अलग-अलग अंदाज में खेला जाता है. कई जगहों पर लोग रंगो की होली खेलते है, तो कई जगहों पर फूलों की होली खेली जाती है. उसी तरह लठमार होली बनारस, बरसाना और नंदगांव में खेली जाती है. इस दिन महिलाएं पुरुषों को लठ यानी डंडे से पीटती हैं, लेकिन वे प्यार से पिटाई करती हैं, ताकि कोई चोट न लगे. डंडों से बचाव के लिए पुरुष ढ़ाल का उपयोग करते हैं.
क्यों मनाई जाती है लठमार होली ?
इस त्योहार के पीछे पौराणिक इतिहास छुपा है. ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण मधुरा के नंदगांव से बरसाना में राधा के साथ होली खेलने आते थे. इस दौरान एक तरफ कृष्ण के सखा होते थे तो दूसरी तरफ राधा की सखियां होती थी. इस दौरान राधा अपनी सखियों के साथ लठ लेकर कृष्ण और उनके साथियों पर डंडे बरसाती थीं. इस दौरान त्योहार और प्यार दोनों का दृश्य काफी अद्भुत होता था. राधा आपने चहेते कृष्ण को प्यार से लठ मारकर सालभर में की गई गलतियों का बदला लेती थीं.
तभी से यह त्योहार हर साल मनाया जाता है. खासकर मधुरा और वृंदावन में इस त्योहार को जोरों-शोरों से मनाया जाता है. इस दौरान लोग काफी खुश नजर आते हैं.
इसे भी पढ़ें: रामगढ़ : अभिषेक वर्मा ने पहले प्रयास में ही सीटेट में पायी सफलता