Ranchi: जोंटा इंफ्रा एजेंसी की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. रांची नगर निगम ने एजेंसी को एक महीना तक का समय दिया है. कार्यशैली सुधार नहीं करती है तो उसे टर्मिनेट किया जाएगा. लेकिन सवाल उठता है कि जोंटा इंफ्रा एजेंसी की इतनी लापरवाही के बाद भी किसकी मेहरबानी से 25 करोड़ रुपये भुगतान किया गया. स्मार्ट सिटी के तहत रांची नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में 222 स्मार्टबिन लगा दिया गया है, लेकिन एजेंसी ने डीपीआर और एकरारनामा के तहत कार्य पूरा नहीं किया है. एजेंसी को स्मार्टबिन की साफ-सफाई के लिए सभी स्मार्टबिन में सेंसर लगाया जाना था, ताकि कचरा भरने के बाद कंट्रोल रूम में स्वच्छता मैसेज जा सके. लेकिन एजेंसी की ओर से अब तक ना तो स्मार्टबिन में सेंसर लगाने का कार्य पूरा किया है और ना ही कंट्रोल रूम ही स्थापित की गई है.
एजेंसी को 5 से 6 बार निगम लिख चुका है पत्र
एजेंसी सिर्फ 22 छोटे-बड़े वाहन के माध्यम से स्मार्टबिन की साफ-सफाई कर रही है. एजेंसी के पास ना तो फिजिकल मैन पावर है और ना ही टेक्नोलॉजी का साधन है. इसके बावजूद भी रांची नगर निगम एजेंसी को टर्मिनेट करने की बजाय एजेंसी को 5 से 6 बार पत्र लिख चुकी है. लेकिन इसके बावजूद एजेंसी की ओर से इसको लेकर कोई भी पहल नहीं की गई है. यहां तक कि अब तक गीला और सूखा कचरा को भी अलग करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
निगम को धोखा देने का किया है काम : आशा लकड़ा
कार्यशैली को लेकर महापौर आशा लकड़ा ने बैठक में सवाल भी उठाया है कि अगर डीपीआर करारनामे के तहत एजेंसी कार्य नहीं करती है, तो उसे टर्मिनेट भी कर दिया जाए. एजेंसी ने झिरी डंपिंग यार्ड तक कचरा पहुंचाने के लिए भी मात्र 20 से 22 छोटे वाहनों की व्यवस्था की है. निगम को धोखा देने का काम की है. ऐसे में अगर एजेंसी अपने एकरारनामा के तहत कार्य को पूरा नहीं करती है, तो उसे टर्मिनेट करने का भी निर्णय लिया गया है.
एजेंसी को करना चाहिए टर्मिनेट : संजीव विजयवर्गीय
उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि एजेंसी चयन से लेकर अब तक संदिग्ध स्थिति में है. इसमें निगम के अधिकार और नगर विकास विभाग जिम्मेवार है. निगम के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है. एजेंसी को टर्मिनेट करना चाहिए.
एक महीने का दिया गया है समय : उप नगर आयुक्त
रांची नगर निगम के उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने कहा कि जोंटा इंफ्रा एजेंसी को निगम की ओर से नोटिस भेजा गया है. एक महीने का समय दिया गया है. अगर अपने कार्य में सुधार नहीं करती है. तो कंपनी को निगम टर्मिनेट करेगी.
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