Mumbai : महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयानों का सिलसिला जारी है. अपने विवादित बयानों के लिए जाने जानेवाले समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 किये जाने के संदर्भ में कहा कि घर में मां, बेटी के साथ अकेले नहीं रहना चाहिए क्योंकि शैतान कभी सवार हो सकता है. आजमी ने यह टिप्पणी एक इंटरव्यू के दौरान की.
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अबू आजमी मुंबई के शिवाजी नगर से विधायक हैं
अबू आजमी मुंबई के शिवाजी नगर से विधायक है. सांसद सैयद तुफैल हसन समेत कुछ नेता भी लड़की की शादी की उम्र को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार कर्नाटक विधानसभा में दुष्कर्म पर टिप्पणी को लेकर पहले ही विवादों में घिरे हैं.
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पूरा पाप मां-बाप को मिलेगा
इसी कड़ी में अबू आजमी का नाम भी जुड़ गया है. आजमी ने कहा, जैसे ही बच्ची हमारी बड़ी हो जाती है, बालिग हो जाती है, शादी के काबिल हो जाती है. लड़का हो या लड़की उसकी तुरंत शादी करा दो. अगर शादी नहीं मिलती है, तो इंतजार करो. लेकिन जैसे ही उसकी शादी उसका जोड़ा कहीं मिल जाता है, तो उसकी शादी किन्हीं और कारणों से लेट करोगे और उस लड़की या लड़के ने गुनाह किया या किसी और के संपर्क में आकर कोई ऐसी एक्टिविटी किया, जिससे पाप हो सकता है तो उसका पूरा पाप मां-बाप को मिलेगा.
अकेली बेटी के साथ मत रहो
इस दौरान सपा नेता ने कहा कि जब लड़की अपनी लड़की मेरी बेटी मेरी बहन घर में अकेली है, तो भी मेरे संस्कार यह मुझे बताया गया है कि अकेली बेटी के साथ मत रहो, शैतान कभी सवार हो सकता है. सरकार के फैसले पर आजमी ने सवाल उठाते हुए कहा कि भगवान और अल्लाह की बनाई हुई सल्तनत में दखल देने से असंतुलन हो जाता है.
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी का कहना है ऐसे तो बच्चियां गलत रास्ते पर जा सकती हैं. ऐसे कानून वो लोग ला रहे हैं, जिनके खुद के बच्चे नहीं हैं. जिन लोगों के बच्चे नहीं हैं उन्हें इसके बारे में क्या जानकारी होगी. इसपर ऐसे लोगों की राय जरूरी है जो बच्चों के पिता हैं.
सोशल मीडिया पर निंदा की जा रही है
अबू आजमी की इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी निंदा की जा रही है. कई लोगों ने 2013 मे शक्ति मिल गैंगरेप केस और आजमी के पुराने बयानों को याद किया. जान लें कि हाल के दिनों में सपा के कई नेताओं ने महिलाओं को लेकर ऐसे आपत्तिजनक बयान दिये हैं. उनका जिक्र भी किया जा रहा है.
बेटियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ा कर 21 वर्ष कर दी गयी
केंद्र सरकार ने बेटियों के विवाह से जुड़े (Hindu marriage act) कानून में सुधार किया है, जिसके तहत अब विवाह के लिए बेटियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ा कर 21 वर्ष कर दी गयी है. इस फैसले के बाद देश में लड़के और लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र एक समान हो गयी है.