Ranchi : निलंबित IAS पूजा सिंघल प्रकरण के बाद राज्य के कई अधिकारी इन दिनों चर्चा के केंद्र बिंदु बने हुए हैं. तीन जिलों के खनन अधिकारियों को ईडी द्वारा समन देकर पूछताछ किया जा रहा है. पूरे प्रकरण में कई भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों (ब्यूरोक्रेट्स-आईएएस) के नाम बाहर आने की चर्चा है. बीते दिनों ही राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र भेजकर प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ लंबित निगरानी जांच की रिपोर्ट मांगी है. इन दिनों झारखंड के अधिकारी विशेषकर आईएएस अधिकारी अपने कामों को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. यहीं कारण है कि विधानसभा सत्र से लेकर बाहर तक सत्ता और विपक्ष के रडार में राज्य के ब्यूरोक्रेट्स आ रहे हैं. ( झारखंड की राजनीति से जुड़ी दूसरी खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )
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अंबा प्रसाद और दीपिका पांडे सिंह ने दो आईएएस पर उठाये सवाल
बीते विधानसभा बजट सत्र में भी आईएएस अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठा था. बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद के साथ एसडीओ दिनेश यादव का विवाद मामला काफी तुल पकड़ा. अंबा के मुताबिक वह देवघर स्थित बाबाधाम गयी थी, जहां किसी बात को लेकर उनका स्थानीय पुजारी से विवाद हो गया. अंबा के मुताबिक मामले में जब उन्होंने एसडीओ को बुलाया तो वे नहीं आये. विधानसभा में अंबा प्रसाद के दुर्व्यवहार का मुद्दा उठा, जिसपर मंत्री आलमगीर आलम ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसी तरह बजट सत्र में विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने रांची डीसी छवि रंजन का मुद्दा उठाया. दीपिका पांडेय ने कहा कि राज्य के अफसर बेलगाम हो रहे हैं. रांची डीसी फोन नहीं उठाते और ना ही वापस फोन करते हैं.
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अनूप सिंह ने कहा, ‘जनप्रतिनिधियों को बेईज्जत कर रहे अधिकारी’
तो सीपी सिंह ने बताया – ‘घटिया अफसर’
बजट सत्र में ही जनप्रतिनधियों को बेईज्जती करने का मुद्दा विधायक अनूप सिंह ने उठाया. राजभवन में हुए एक डिनर पार्टी की बात करते हुए कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने कहा था कि विधायक सुदेश महतो, लंबोदर महतो, इरफान अंसारी को बैठने तक की जगह नहीं मिली. इससे साफ पता चलता है कि कार्यपालिका ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभायी. जनप्रतिनिधियों से ज्यादा पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करने का काम अधिकारी द्वारा किया गया. इसी क़ड़ी में विधायक सीपी सिंह ने एडीजी मुरारी लाल मीणा को घटिया अफसर कह दिया. डीसी छवि रंजन को घूसखोर तक कह दिया.
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निशिकांत-मंजूनाथ भजंत्री विवाद ने तो काफी सुर्खियां बटोरी
इसी तरह देवघर मंजूनाथ भजंत्री और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे विवाद भी काफी तुल पकड़ा. विवाद को कई बार देखा गया, पर देवघऱ रोपवे हादसा मामला में यह तब खुलकर सामने आया, जब डीसी को ही हादसे का जिम्मेवार निशिकांत ने बता दिया. सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि त्रिकुट रोपवे का एग्रीमेंट 2019 में ही खत्म हो गया था, फिर तीन साल बिना एग्रीमेंट के रोपवे कैसे चलता रहा था, इसका ध्यान उपायुक्त को रखना था.
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पलामू डीसी पर खनन आवंटन का भाजपा ने लगाया आरोप
भाजपा के रडार में बीते दिनों पलामू डीसी शशि रंजन भी आये. मामला बना खनन लीज आवंटन का. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा था कि डीसी शशिरंजन ने सास और सरहज के नाम माइनिंग लीज देने के साथ इसका एकरारनामा भी किया था.
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