Kiriburu : पिछले कुछ सप्ताह से एसपी अजय लिंडा की कड़ी हिदायत के बावजूद कनीय पुलिस पदाधिकारियों की सांठ-गांठ से जैंतगढ़ के कुछ दबंगों द्वारा हब्बा-डब्बा और मुर्गापाडा़ का आयोजन किया जा रहा है. सैकड़ों लोग झारखंड-ओड़िशा के विभिन्न जिलों एवं दूर-दराज गांव व शहरों से जुआ खेलने पहुंच लाखों रुपए हार रहे हैं. प्रत्येक सप्ताह के शनिवार तथा सालों भर होने वाला इस जुआ के आयोजन की जानकारी पुलिस को खेल प्रारम्भ होने से पूर्व होने के बावजूद वह इस अवैध व प्रतिबंधित खेल का आयोजन रोकने में असफल रह रही है.
अवैध जुए के खेल में स्कूली बच्चे भी पहुंच रहे
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि शनिवार को आयोजित किए गए हब्बा-डब्बा खेल के दौरान संचालकों द्वारा कडी़ सुरक्षा व्यवस्था की गई थी तथा किसी को भी मोबाईल से फोटो लेने की इजाजत नहीं थी. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि अब इस अवैध जुआ का खेल के आयोजन में स्कूली व छोटे बच्चे भी जाने लगे हैं, जिसका असर बच्चों के भविष्य पर भी पड़ सकता है. पूर्व में यह अवैध खेल पश्चिम सिंहभूम जिले के लगभग सभी थाना क्षेत्रों में हुआ करता था लेकिन जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के जैंतगढ़ को छोड़कर बाकी जगहों पर यह लगभग बंद हो चुका है. ऐसे खेल का आयोजन पूरी तरह से रोकने के लिए एसपी ने प्रारम्भ से ही सभी थाना प्रभारीयों को विशेष निर्देश दे रखा है. इसके बावजूद जैतगढ़ में इस खेल का आयोजन बिना किसी भय के प्रत्येक शनिवार को किया जा रहा है. प्रत्येक शनिवार को होने वाले इस जुआ का खेल में दूर-दराज से आने वाले लोग लगभग दस-पंद्रह लाख रुपए जो इनकी मेहनत की कमाई होती है वह लूटा कर चले जा रहे हैं. यहां अवैध शराब की बिक्री के अलावे मुर्गा लडा़ई में लाखों रुपए की बाजी लगाई जाती है. यहां लडा़ने के लिये उच्च नस्ल के मुर्गे चेन्नई अथवा दक्षिण भारत के राज्यों से मंगाये जाते हैं जिसकी कीमत हजारों में होती है. ऐसे आयोजनों में हजारों, लाखों रुपए हार कर अपने-अपने घर जाने वाले लोग घरेलू हिंसा को बढा़वा देते हैं जिसका सीधा असर समाज व परिवार पर पड़ता है. कई परिवार इस खेल के चक्कर में बर्बाद व बिखर चुके हैं.