Geneva : ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के अत्याधिक संक्रमण वाले स्ट्रेन के कारण दुनियाभर के करीब 50 देशों ने ब्रिटेन से अपने हवाई और सड़क यातायात को बंद कर दिया है. इस संबंझ में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह वायरस के विकास का एक हिस्सा है. यह भी कहा कि इस नये सुपरस्प्रेडर स्ट्रेन से घबराने की जरूरत नहीं है.
डब्लूचओ ने इस वायरस को कोरोना वायरस के मौजूदा स्ट्रेन से घातक नहीं माना है, उन्होंने ब्रिटेन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि हमारे पास कोई सबूत नहीं है कि वैरिएंट कोरोना वायरस के मौजूदा स्ट्रेन की तुलना में लोगों को अधिक बीमार कर रहा है या अधिक घातक है. हालांकि, यह अधिक आसानी से फैलता हुआ प्रतीत होता है.
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हम इस वायरस को बहुत बारीकी के साथ ट्रैक कर रहे हैं
जान लें कि WHO के आपातकालीन मामलों के प्रमुख माइक रेयान ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में इस मुद्दे पर कहा कि पारदर्शिता का होना बहुत जरूरी है, जनता को जिस तरह से है, उसे बताना बहुत जरूरी है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि यह वायरस के विकास का एक सामान्य हिस्सा है.
कहा कि हम इस वायरस को बहुत बारीकी के साथ ट्रैक कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर विकसित की गयी वैक्सीन इस नये स्ट्रेन से भी निपटने में सक्षम हैं. इसे सुनिश्चित करने के लिए हम जांच कर रहे हैं.
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फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगाने को लेकर डब्लूएचओ ने कहा
ब्रिटेन से आने वाले फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगाने को लेकर माइक रेयान ने कहा कि यात्रा पर अंकुश लगाने वाले देश जोखिमों का आकलन करते हुए सावधानी से काम कर रहे थे. यह विवेकपूर्ण फैसला है, लेकिन हर कोई जानता है कि कोरोना वायरस के अंदर आया यह परिवर्तन सामान्य प्रक्रिया है.