- सियासी संकट के बीच सीएम हाउस में होली-दिवाली के क्या हैं मायने
- क्या विधानसभा के विशेष सत्र में स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण का मास्टर स्ट्रोक खेलेंगे हेमंत
Pravin Kumar
Ranchi : झारखंड में चल रहे सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनहित से जुड़े मुद्दों पर ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में फैसला आने से पहले सीएम हर वर्ग को खुश करने की कोशिश में लगे हैं. इतना ही नहीं सीएम कॉमन मैन को सौगातें देकर उनकी खुशियों में शरीक भी हो रहे हैं. पिछली कैबिनेट में सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला लिया था. इससे उत्साहित सरकारी कर्मचारी आभार यात्रा निकालकर सीएम हाउस पहुंचे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिठाई खिलाई. उनके साथ सेल्फी लिया. शनिवार को लोगों को इतना बड़ा हुजूम पहली बार सीएम हाउस में उमड़ा था.
वैकेंसी निकालकर रोजगार के अवसर भी बढ़ाए हैं
इससे पहले मुख्यमंत्री पुलिसकर्मियों के लिए क्षतिपूर्ति अवकाश, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी जैसे कई फैसले लेकर सरकारी कर्मचारियों को खुशियां दे चुके हैं. उत्साहित पुलिसकर्मियों ने भी सीएम हाउस में पहुंचकर मुख्यमंत्री के साथ खुशियां मनाई थी. सियासी संकट के बीच ही सरकार ने हाई स्कूल शिक्षक समेत कई विभागों में ताबड़तोड़ वैकेंसी निकालकर रोजगार के अवसर भी बढ़ाए हैं.
जनसमर्थन जुटाने की कोशिश
उधर, 5 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. विधानसभा सत्र में कई नए फैसले होने की उम्मीद जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण जैसे मामलों में फैसला लेकर हेमंत सोरेन बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेल सकते हैं. 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति से हेमंत और झामुमो की पकड़ आदिवासी-मुलवासियों में और मजबूत हो जाएगी. वहीं ओबीसी आरक्षण पर फैसला लिया गया तो ओबीसी समुदाय में भी पैठ बनेगी. सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस तरह के फैसले लेकर हेमंत जनसमर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं या फिर कुछ और इससे भी बड़ा होने वाला है.
इसे भी पढ़ें- रांची : बिना पुनर्वास के मूसा टोली के 25 घरों को नहीं तोड़ा जाएगा : सीएम
Subscribe
Login
0 Comments