NewDelhi : यूपीए सरकार में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) को काफी लाभ पहुंचाया गया. यूपीए सरकार द्वारा गैस की कीमतें तय करने के फॉर्म्युले से रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचता था. भाजपा ने पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर की नयी किताब के आधार पर कांग्रेस की मनमोहन सरकार पर हल्ला बोला है. बता दें कि शनिवार को भाजपा ने किताब के अंश साझा करते हुए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया. पूर्व कैबिनेट सचिव की किताब As Good As My Word: A Memoir में मनमोहन सिंह सरकार के कई फैसलों पर साफगोई से लिखा गया है.
Here are excerpts on how UPA unduly favoured Reliance on gas pricing, despite his efforts and how NDA corrected the folly… More on it in the next tweet. pic.twitter.com/bJvQfVnfUG
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 14, 2023
कथित रूप से रिलायंस को लाभ पहुंचाया गया
किताब में गैस की कीमतें तय करने से जुड़ा अहम फैसले का भी जिक्र है, जिसमें कथित रूप से रिलायंस को लाभ पहुंचाया गया. पूर्व कैबिनेट सचिव ने अपनी किताब में लिखा है कि गैस की कीमत तय करने की प्रक्रिया में कई चीजें गड़बड़ थीं. उनके अनुसार मुकेश अंबानी ने गैस प्राइसिंग का ऐसा फॉर्म्युला यूपीए सरकार के सामने रखा, जिसमें उस वक्त कच्चे तेल के रेट के हिसाब से गैस की कीमत 4.5 डॉलर प्रति यूनिट से ज्यादा हो जा रही थी.
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RIL ने बाद में डील करने से मना कर दिया
यह भी लिखा हे कि अनिल अंबानी ने एक समझौते को फ्लॉन्ट किया, जिसके तहत मुकेश अपने छोटे भाई के पावर प्लांट्स को 2.3 MMBTU की दर से गैस सप्लाई करने को तैयार हुए. चंद्रशेखर की किताब के अनुसार 2.3 डॉलर प्रति यूनिट का रेट सरकारी NTPC के एक टेंडर के आधार पर तय हुआ था, लेकिन RIL ने बाद में डील करने से मना कर दिया. मामला कोर्ट में गया, लेकिन सरकार (यूपीए) ने केस मजबूती से नहीं लड़ा.
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जो कीमत RIL द्वारा मांगी जा रही थी, वह काफी ज्यादा थी
जानकारी के अनुसार चंद्रशेखर सचिवों की उस समिति के प्रमुख थे, जिसके जिम्मे प्राइसिंग करना था. हालांकि उनकी राय थी कि जो कीमत RIL द्वारा मांगी जा रही थी, वह काफी ज्यादा थी. किताब कहती है कि कीमत रिलायंस के तय किये फॉम्युले के आधार पर तय की गयी थी, जो क्रूड ऑयल की कीमत से जुड़ी था. चंद्रशेखर के अनुसार उस वक्त सूर्य सेठी (योजना आयोग में सलाहकार) की दलील थी कि ऐसा जुड़ाव अनूठा, अभूतपूर्व था.
चंद्रशेखर ने लिखा है कि कॉस्ट-प्लस फॉर्म्युला इस्तेमाल किया जाना चाहिए था और कीमत तय करने में सीएजी को भी शामिल किया जाना था . जब रिलायंस 2.3 डॉलर की दर से गैस बेचने पर तैयार हुई थी तो मुझे चार डॉलर से ज्यादा की कीमत का कोई तुक समझ में नहीं आता.
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना, राहुल गांधी के अंबानी?
भाजपा ने चंद्रशेखर की किताब ने मौका दे दिया है. पार्टी की आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि सवाल यह है कि रिलायंस जैसी एक निजी फर्म कांग्रेस-नीत यूपीए को कैसे अपने इशारों पर नचा रही थी? राहुल गांधी के अंबानी?