- सरकार ने हर क्षेत्र के दरवाजे खोल रखे हैं
- शीर्ष कुर्सी तक नहीं पहुंच पाती है गरीब आदिवासियों की आवाज
Ranchi: मोरहाबाद मैदान में आयोजित जनजातीय महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों को संविधान में जो जगह और अधिकार मिले हैं, आज उन्हीं वजहों से हम अपने वजूद को बचाने के लिए छोटा-मोटा प्रयास कर रहे हैं. लेकिन इतने में काम नहीं चलेगा. हमें और संघर्ष करना है. हम राष्ट्रीय पटल पर कैसे अपनी पहचान बनाएं, इस पर सबको चिंतन करने की जरूरत है. आदिवासियों के लिए राज्य में कई योजनाएं चलाई जा रही है. आदिवासी आगे बढ़ें और इन योजनाओं का लाभ लें. सरकार ने हर क्षेत्र के दरवाजे खोल रखे हैं. आपको आगे बढ़ने की जरूरत है. सरकार आपके द्वार के माध्यम से हर योजना आपके द्वार पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
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आदिवासी कैसे बचे, इस पर कोई बात नहीं होती
उन्होंने फिर से यह बात दोहराई की जल-जंगल जमीन बचाने की बात तो होती है, लेकिन आदिवासी कैसे बचे, इस पर कोई बात नहीं होती. कहा कि शीर्ष कुर्सी पर बैठे लोगों तक आदिवासियों की आवाज नहीं पहुंच पाती. हम ऐसा आवाज उठायें कि शीर्ष कुर्सी तक वह पहुंचे. कहा कि कुछ दिन पहले तक लग रहा था कि राज्य की स्थिति आने वाले समय में भयावह होने वाली है. यहां के किसानों और गरीबों का क्या होगा, यह सोचकर सरकार परेशान थी, लेकिन जनजातीय महोत्सव का आगाज होते ही झमाझम बारिश शुरू हुई और लगातार बारिश हो रही है.
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