Koderma: सतगांवा प्रखंड के चांदडीह, नासरगंज, मीरगंज, ईटाय और राजावर सहित कई पंचायतों में पुराने डोभा पर ही लीपापोती कर विभाग से नए तालाब के नाम पर निकासी करने का मामला उजागर हुआ है. बता दें कि पिछले एक साल पहले बने डोभा, जिसका आकार 30/30, 50/50, 60/60 और 100/100 फ़ीट है, उसे डोभा या कहें कि तालाब का नाम बदलकर जेसीबी मशीन से ताजा कर नए तालाब के नाम पर सरकारी पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है.
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सतगांवा प्रखंड का है मामला
जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सतगांवा प्रखंड के पदाधिकारी भी दूरी का फायदा उठाकर गलत तरीके से विभाग के पैसे निकाल कर अपनी जेब भरने में लगे हैं. इसमें कई ऐसे रोजगार सेवक भी जुड़े हुए हैं. बताया जाता है कि तालाब की खुदाई हो या गांव के अंदर कोई अन्य सरकारी योजना हो, इसमें मनरेगा के तहत गांव के ही मनरेगा मजदूरों से काम कराया जाता है. लेकिन यहां रोजगार सेवक संवेदकों से मिलकर जेसीबी मशीन से काम करवाते हैं.
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इसमें कई पदाधिकारियों के शामिल होने की बात भी आ रही है. इससे मनरेगा माफियाओं का वर्चस्व बढ़ गया है. इन क्षेत्रों पर निगरानी की कमी के कारण कई डोभा तालाब का नाम बदलकर तीन से चार बार राशि की निकासी की गई है. ऐसे मामले सतगांवा के कई पंचायतों में पहले भी उजागर हो चुके हैं. इसकी जांच केंद्रीय टीम के द्वारा भी की गई है. मजदूरों की मानें तो मनरेगा माफिया और मनरेगा कर्मचारी और पदाधिकारी उनके साथ मारपीट करते हैं. इस मामले पर कांग्रेस नेता सईद नसीम ने कहा कि जनता के पैसों का दुरुपयोग करना सही नहीं है. इस तरह के कार्य पर दोषी पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
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