Simdega: कनारोवांं पंचायत के अंतर्गत कोयलाबेड़ा गांव की महिलाओं ने एक अनुठा प्रदर्शन किया. महिलाओं ने ढिबरी जलाकर गांव में बिजली की सुविधा बहाल करने के लिए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया. ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि आज के समय में बिजली ना होने से क्या-क्या परेशानी हो सकती है ये किसी को भी बताने का जरुरत नहीं है. महिलाओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे आज भी ढिबरी युग में जीने के लिए विवश हैं. उनका कहना था कि हमारे क्षेत्र में आज तक विद्युत सुविधाएं नहीं पहुंची है.
सरयू राय का खुलासा…
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ढिबरी जलाकर पढ़ाई करते हैं बच्चे
कोयला बेड़ा निवासी विकास मगहिया और अमूल्य मुंडा ने कहा कि राज्य बनने के कई दशक गुजर जाने के बावजूद हमारे गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है. जबकि नजदीक के गांवों में बिजली की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. जिससे इन गांव के लोग बहुत मायूस हैं. लोगों का कहना है कि सरकारें तो जरुर बदल रही है लेकिन हमारे गांव की तस्वीर नहीं बदल रही है.गांन के लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा गांव-गांव में बिजली पहुंचाने का दावा खोखला साबित हो रहा है. वे अपने बच्चों को बानो और लचरागढ़ के विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं. बच्चों को ढ़िबरी जलाकर पढ़ायी करनी पड़ रही है, इससे काफी परेशानी होती है.
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