Khuti : जिले के सिलादोन गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. इनके द्वारा बनाया गया लाह सहित अन्य वनोत्पाद से बने सामानों की मांग अब राज्य के अलावा देशभर से की जा रही है. गांव की महिलाओं द्वारा बनाये जाने वाले सामान अमेजॉन में भी उपलब्ध हैं.
वन धन केंद्र से महिलाओं को मिल रहा रोजगार
पहले सिलादोन गांव की महिलाएं रेजा कुली का काम करने बाहर जाती थीं. लेकिन अब उन्हें अपने गांव के वन धन केंद्र में ही रोजगार मिलने लगा है. इससे उनकी अच्छी कमाई भी हो रही है. इस केंद्र में 15 से ज्यादा गांवों की सैकडों महिलाएं काम करती हैं. सरकार के प्रयास और सुदुर क्षेत्र की महिलाओं की लगन से खूंटी जिला को एक नयी पहचान मिली है.
इसे भी देखें :
लाह की चुड़ियां सहित अन्य सामान बनाने का दिया जा रहा प्रशिक्षण
गांव की महिलाओं को वन धन केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाता है. फिर उनको रोजगार दिया जाता है. वन धन केंद्र में लाह की चुड़ियां, लाह की ज्वैलरी, मड़ुवा आटा की पैकेजिंग, ईमली का आचार और जुट से फैन्सी बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके अलावा खिलौने, मूर्ती, अगरबत्ती, तसर से सिल्क के कपड़े बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है.
इसे भी पढ़े : 28- 30 जनवरी तक होगी 7th -10th JPSC की मुख्य परीक्षा, रांची के 14 परीक्षा केंद्रों पर होगा एग्जाम
करोड़ों में पहुंच गयी है केंद्र की सालाना इनकम
खूंटी के वन धन केंद्र में उत्पादित सामानों को दिल्ली, पटना, राजस्थान सहित कई बड़े-बड़े सरकारी विकास मेलों के स्टॉल में लगाया जाता है. ताकि इसको बढ़ावा मिल सके. उनके द्वारा बनाये गये सामानों की डिमांड धीरे-धीरे इतनी बढ़ गयी है कि केंद्र की सलाना इनकम करोडों में हो गयी है.
इसे भी पढ़े : गढ़वा : हाथी ने वृद्ध को कुचला, इलाज के दौरान मौत