Garhwa : गढ़वा सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन के सभागार में शनिवार को कैंसर जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें कैंसर के कारण, बचाव व प्रारंभिक लक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. सदर अस्पताल के चिकित्सकों के अलावा जिले के आयुष चिकित्सक को प्रशिक्षण दिया गया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ. कमलेश कुमार, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. कमलेश कुमार व सदर अस्ताल के उपाधीक्षक डॉ.अवधेश सिंह भी उपस्थित थे.
कार्यशाला में बतौर प्रशिक्षक पीएमसीएच पटना के पैथोलाजी विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. दिलीप कुमार, आईजी एम्स पटना के रेडियोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.संजय कुमार सुमन तथा पारस हॉस्पिटल पटना के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ.आरएन टैगोर शामिल हुए. मौके पर प्रशिक्षकों ने कहा कि देश में 50 प्रतिशत कैंसर को रोका जा सकता है, जो तंबाकू के सेवन से होता है. जबकि प्रारंभिक अवस्था में डिटेक्ट हो जाए तो 90 प्रतिशत कैंसर को ठीक किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के वर्ष 2020 की रिपोर्ट के अनुसार 90 प्रतिशत कैंसर निम्न सामाजिक आर्थिक वर्ग के लोगों में होता है. इस वर्ग के लोग जागरुकता के अभाव एवं समझ की कमी के कारण कैंसरग्रस्त होने के बावजूद देर होने पर ही चिकित्सक के पास इलाज कराने जाते हैं.
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कैंसर के ये हैं सामान्य लक्षण
प्रशिक्षकों ने कहा कि पुरुषों में ओरल कैंसर तथा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर अधिक होता है. कैंसर के शुरुआती सात लक्षणों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शरीर में कोई भी घाव जो चिकित्सा के बाद भी नहीं भरे तथा बढ़ता ही जाए. जबकि स्तन या किसी अंग में गांठ, मांस आदि का उभरना, शरीर के किसी भाग में असामान्य रक्तस्राव, लगातार खांसी या गले में रूखापन या आवाज में बदलाव, लगातार अपच या खाने, निगलने में कठिनाई, तील या मासा का तीव्र गति से अचानक बढ़ने लगना, शौच, पेशाब के नियमित आदतों में बदलाव आदि कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. जबकि तंबाकू व शराब के सेवन से फेफड़ा, मुंह, गला, किडनी व खाने की नली का कैंसर हो सकता है. बचाव के तरीके पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करें. जबकि शराब, मांसाहार भोजन, तला हुआ खान, फास्ट फूड आदि नहीं खाएं. ताजी सब्जियां, मौसमी फल, शाकाहारी भोजन, वजन कम रखें तथा नियमित व्यायाम व आध्यात्म से जुड़कर कैंसर से बचाव कर सकते हैं.
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