LagatarDesk : वर्ल्ड किडनी डे पूरी दुनिया में 10 मार्च को मनाया जाता है. इसका मकसद किडनी डिजीज के खतरे को कम करने और इसे हेल्दी रखने के तरीकों के बारे में जागरुक करना है. वर्ल्ड किडनी डे के लिए हर साल अलग-अलग थीम होता है. वर्ल्ड किडनी डे 2022 की थीम ‘किडनी हेल्थ फॉर ऑल’ रखी गयी है. जिसका मतलब है कि सभी के लिए गुर्दे का स्वास्थ्य जरूरी है.
किडनी शरीर में पानी, नमक और मिनरल्स का संतुलन बनाता
बता दें कि शरीर में किडनी की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ये शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने में मदद करती है. ये पानी, नमक और मिनरल्स के संतुलन को बनाये रखने के लिए एसिड को बाहर निकालती है. इस स्वस्थ संतुलन के बिना नसें, मांसपेशियां और शरीर के अन्य ऊतक ठीक से काम नहीं कर पाते हैं. ऐसे में अपनी किडनी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
इन 10 आदतों से खराब हो सकती आपकी किडनी
हमारी डेली रुटीन की कुछ आदतें किडनी को खराब करने का काम करती हैं. ऐसे में अपने किडनी को डैमेज होने से बचाने के लिए हेल्दी डाइट लेना चाहिए. आज हम आपको बताते हैं कि उन 10 आदतों के बारे के बारे में जो आपकी किडनी को खराब कर सकती है. अगर आपको भी ये आदतें हैं तो आज ही छोड़ दें.
बहुत ज्यादा नमक खाने से किडनी की बीमारी बढ़ती
खाने में नमक ज्यादा खाने से किडनी खराब हो सकती है. ऐसा खाना जिसमें नमक (सोडियम) अधिक होता है उसको खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है. इससे भी किडनी की बीमारी बढ़ती है. खाने में ऊपर से नमक डालने की जगह आप फ्लेवर्ड मसालों को ऐड कर सकते हैं. ऐसा करने से नमक का इस्तेमाल आप सीमित ढंग से कर सकेंगे.
पेन किलर दवाओं का इस्तेमाल किडनी को पहुंचाता है नुकसान
नॉन-स्टेरायडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं आसानी से किसी भी दुकान पर आसानी से मिल जाती हैं. ये दवाएं दर्द को कम करने का काम करती हैं. लेकिन ये किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं. खासकर अगर किसी को पहले से ही किडनी की बीमारी है. इसलिए इस तरह की दवाओं का इस्तेमाल कम करना चाहिए.
खुद को हाइड्रेट नहीं रखने से होती है किडनी की बीमारी
बॉडी को हाइड्रेटेड रखने से किडनी को शरीर से सोडियम और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद मिलती है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से किडनी स्टोन से भी बचा जा सकता है. किडनी की समस्या वाले लोगों को कम तरल पदार्थ लेना होता है. लेकिन स्वस्थ किडनी वाले लोगों को रोजाना 3-4 लीटर पानी पीना चाहिए.
प्रोसेस्ड फूड और पैक्ड फूड से बनाये दूरी
प्रोसेस्ड फूड में सोडियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है. किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों को पैक्ड फूड खाने से बचना चाहिए. ज्यादा फास्फोरस, प्रोसेस्ड फूड खाना किडनी और हड्डियों के लिए हानिकारक हो सकता है.
नींद पूरी नहीं होने से बीमारी का खतरा ज्यादा
शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ बनाये रखने के लिए रात की अच्छी नींद बेहद जरूरी है. किडनी फंक्शन स्लीपिंग साइकिल से नियंत्रित होता है. इसलिए अगर रात में नींद पूरी नहीं होती है तो किडनी संबंधी बीमारी का खतरा अधिक होता है.
मीठा का बहुत अधिक सेवन करने से बचे
मीठा का बहुत अधिक सेवन करने से मोटापा हो सकता है. जो आपमें ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है. ये दोनों ही चीजें किडनी की बीमारी बढ़ाने का काम करती हैं. इसलिए आपको सामान्य चीनी की मात्रा के साथ-साथ एडेड शुगर से भी दूर रहना चाहिए.
स्मोकिंग सेहत के लिए हानिकारक
स्मोकिंग करना सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. जो लोग धूम्रपान करते हैं उनके पेशाब में प्रोटीन होने की संभावना अधिक होती है. जो किडनी खराब होने का संकेत है.
शराब ज्यादा पीने से क्रोनिक किडनी रोग का खतरा ज्यादा
हर दिन शराब पीने वालों (हर दिन चार से अधिक ड्रिंक करने वाले) में क्रोनिक किडनी रोग का खतरा दोगुना पाया जाता है. इसलिए किडनी को सुरक्षित रखने के लिए सिगरेट और शराब से उचित दूरी बनाये रखें.
सुस्त लाइफस्टाइल किडनी पर डालती है बुरा असर
आज कल कि भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. ऑफिस में बहुत ज्यादा देर तक बैठकर काम करने से किडनी की बीमारी बढ़ती है. सुस्त लाइफस्टाइल किडनी पर बुरा असर डालती है. नियमित रूप से एक्टिव लाइफस्टाइल से ब्लड प्रेशर सही रहता है. यह मेटाबॉलिज्म को भी ठीक करती है जो किडनी की सेहत के लिए अच्छा है.
बहुत ज्यादा नॉनवेज खाने से होती है किडनी की समस्या
एनिमल प्रोटीन खून में एसिड की मात्रा ज्यादा बढ़ाता है जो किडनी के लिए हानिकार होता है. इसकी वजह से एसिडोसिस हो सकता है. एसिडोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी एसिड को तेजी से खत्म नहीं कर पाते हैं. इसलिए बहुत ज्यादा नॉन वेज खाने से परहेज करना चाहिए.