Ranchi : झारखंड में टीबी रोग तेजी से बढ़ रहा है. 2023 में 61,553 नये मरीज़ों की पहचान हुई है. यह आंकड़ा निक्षय पोर्टल पर जारी किया गया है. जबकि 2022 में यह संख्या 58,672 थी. इसके अलावा, 2024 के मार्च तक 12,007 नए मामलों की पहचान की जा चुकी है. जो भयावत स्थिति को दर्शा रहा है. जारी आंकड़ा के अनुसार वहीं वर्तमान में पूरे झारखंड में 36711 मरीज टीबी का इलाज करा रहे हैं.
रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि टीबी रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुये जांच का दायरा बढ़ाया गया है. वर्तमान में, अकेले रांची जिले में 3,407 टीबी मरीज इलाज करा रहे हैं. पिछले साल, लगभग सात लाख व्यक्तियों की जांच की गई, जिससे 61,553 नए रोगियों का पता चला. हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में रांची जिले में टीबी रोगियों की संख्या में थोड़ी कमी आई है. 2022 में 6,269 टीबी मरीज मिले थे, जबकि 2023 में यह संख्या थोड़ी कम होकर 6,244 रह गई. इसके अतिरिक्त, टीबी से पीड़ित बच्चों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है. 2022 में 312 मामले और 2023 में 318 मामले सामने आए हैं.
रांची में रिकवरी दर की बात करें तो थोड़ा सुधार हुआ है. 2023 में रिकवरी दर एक फीसदी बढ़कर 84 फीसदी तक पहुंच गई.
टीबी रोग को लेकर सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि वैसे तो टीबी शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह मुख्य रूप से फेफड़ों को निशाना बनाती है, जिससे काफी नुकसान होता है. हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लगातार बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस से लड़ती है, जो टीबी के लिए जिम्मेदार है. लेकिन कमजोर इम्यून वाले व्यक्ति इसकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं. लोगों को अपने इम्यून को बढ़ाने पर जोर देने चाहिए.
टीबी रोग को लेकर चलाया जाएगा जागरुकता अभियान
सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि जागरूकता बढ़ाने के लिए अगले 15 दिनों में योजना पर तेजी से काम होगा. उन्होंने बताया कि 3407 रोगियों को पोषण किट दिया जा रहा है. उन्हें आवश्यक खाद्य सामग्री खरीदने के लिए प्रति मरीज 500 रुपये दिया जाता है.
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