Jamshedpur : भारत में पुरुष व महिला के बीच बड़ी असमानता है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के आंकड़ों के अनुसार, ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स (सीजीआइ ) 2021 में भारत 156 देशों में से 140वें स्थान पर है. जबकि सर्वाइवल जेंडर इनइक्वलिटी इंडेक्स (जीआइआइ ) के अनुसार भारत स्वास्थ्य और जीवन रक्षा के क्षेत्र में 156 देशों में से 155वें स्थान पर है. इसे 2010 में यूएन ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट द्वारा पेश किया गया था. ये बातें एक्सएलआरआइ में सेंटर फॉर जेंडर इक्वलिटी एंड इनक्लूसिव लीडरशिप द्वारा आयोजित पहले कार्यक्रम में उभर कर सामने आयी. एक्सएलआरआइ में एक वेबिनार का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक लिसेलोटे वाल्डहाइम नेचुरल उपस्थित थीं. वर्चुअल मोड में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जागरुक करने पर बल दिया गया. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सचिवालय, न्यूयॉर्क में अब तक की सबसे कम उम्र की पेशेवर महिला के रूप में नियुक्त होने का गौरव लिसेलोटे वाल्डहाइम नेचुरल को मिला है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान महिलाओं व पुरुषों के लिंगानुपात को ठीक करने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बड़ी पहल की थी.
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कड़ी मेहनत से बॉस के निर्णय को गलत साबित करें : लिसेलॉट वाल्डहाइम
लिसेलोटे ने कहा कि आपको अपने पास मौजूद हर अवसर को हथियाना होगा. आपको यह सोचकर कभी नहीं शर्माना चाहिए कि इस तरह का काम मेरे लिए नहीं है. एक छात्र द्वारा पूछा गया कि एक महिला उम्मीदवार को क्या करना चाहिए जब उसका काम पुरुष बॉस द्वारा अस्वीकार कर दिया जाता है? इस सवाल का जवाब देते हुए लिसेलोटे ने बताया कि अगर ऐसा होता है तो उसे स्वीकार करना होगा, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और अच्छे काम से बॉस को गलत साबित करने का प्रयास करना होगा. आपका पुरुष बॉस इसे स्वीकार करेगा. अगर वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो आपकी कड़ी मेहनत निश्चित रूप से आपको लंबे समय में भुगतान करेगी. आपको अवसरों के लिए हमेशा तैयार रहना होगा और जब भी जरूरत हो, आगे बढ़ कर चुनौतियों का सामना करना होगा. आपको लड़ाकू होना चाहिए. एक महिला के रूप में अपनी क्षमताओं पर कभी संदेह न करें. सभी चुनौतियों को उठाएं. असफल होने पर भी आपको अनुभव प्राप्त होगा. एक कामकाजी मां होने के लिए कभी भी दोषी न हों. अपने बच्चों को अपने कार्य अनुभव में भाग लेने दें. बेटियों और बेटों दोनों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें. एक पुरुष या महिला के रूप में अपनी लड़ाई कभी न छोड़ें, इसे एक संयुक्त साझेदारी के रूप में एक साथ करें, चीजें आसान हो जायेंगी.
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अगले 10 वर्षों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है लक्ष्य : डायरेक्टर
एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर पॉल फर्नांडीस एसजे ने कहा कि सीजीईआईएल का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है. जो रणनीतिक और व्यापक-आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से अगले 5-10 वर्षों के भीतर कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाना है. डायरेक्टर फादर पॉल फर्नांडीस ने कहा कि पहले कदम के रूप में, हमने सीजीईआईएल की स्थापना की है. एक्सएलआरआइ का लक्ष्य आने वाले वर्षों में उत्कृष्टता का एक विश्व स्तरीय केंद्र बनाना है.
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महिला सशक्तीकरण, शांति व सुरक्षा की चुनौतियों से निपटा जायेगा : अलका रजा
सेंटर फॉर जेंडर इक्वलिटी एंड इनक्लूसिव लीडरशिप के चेयरपर्सन अलका रजा ने कहा कि सीजीईआईएल का लक्ष्य महिला सशक्तीकरण, शांति और सुरक्षा के लिए मौजूदा चुनौतियों और बाधाओं को कवर करना है. उन्होंने कहा कि वर्षों से मेरे अनुभव ने मुझे सिखाया है कि वंचित परिस्थितियों में रहने वाले लोगों तक पहुंचना हमारी जरूरत और कर्तव्य है. हमें महिलाओं को उनकी भूमिका और सदियों से उनके योगदान के लिए पहचानना चाहिए.