Jamshedpur (Anand Mishra) : जी 20 भारत को दुनियां की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, बढ़ते ध्रुवीकरण और भू-राजनीतिक स्तर में वृद्धि के समय वैश्विक एजेंडे को आकार देने, एक खंडित दुनिया में शांति, स्थिरता और साझा समृद्धि को आगे बढ़ाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है. 16 नवंबर 2022 को बाली के इंडोनेशियाई द्वीप रिसॉर्ट में जी 20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को जी- 20 की अध्यक्षता का संकेत प्रतीकात्मक रूप से दिया गया. भारत ने आधिकारिक तौर पर साल भर की जी- 20 की अध्यक्षता संभाली . 1 दिसंबर 2022 जो 30 नवंबर 2023 तक जारी रहेगा, भारत, जी 20 अध्यक्षता को परिवर्तन और वैश्विक परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में देखता है. उक्त बातें एक्सएलआरआई में आयोजित जी 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट में फॉर्मर सेक्रेटरी एमईए (पूर्व राजदूत) संजय भट्टाचार्य ने कही.
इसे भी पढ़ें : झारखंड हाइकोर्ट ने सैप के 721 कर्मियों को हटाने के आदेश पर लगाई रोक
उन्होंने क्लाइमेट चेंज को ग्लोबल विषय मानते हुए बताया कि आज सभी देश इस विषय पर सोच रहे हैं. इसी के आधार पर विकास की नींव रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में शिक्षक और चिकित्सक अहम भूमिका निभायेंगे. दोनों ही विकास के स्तंभ है. उन्होंने कहा कि खाद्य और पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देना एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता होगी, क्योंकि महामारी ने लाखों लोगों को गरीबी में धकेल दिया है.
इसे भी पढ़ें : रक्षा बंधन : भाई की कलाई पर दिन भर राखी बांध सकेंगी बहनें
अपने संबोधन के अंतिम पड़ाव में उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत एक वैश्विक प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में अपनी साख मजबूत करेगा और जी- 20 प्रक्रिया पर अपनी अमिट छाप छोड़ेगा . उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी 20 सम्मेलन 2023 का थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ या ‘एक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक भविष्य’ है. यह थीम सभी प्रकार के जीवन मूल्य और पृथ्वी और ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करती है. अंतिम सत्र में एक्सएलआरआई के विद्यार्थियों ने अपने सवालों को रखा, तो वहीं आउट ऑफ एक्सएलआरआई को भी अपने सवाल रखने का अवसर प्राप्त हुआ.