Rishi Ranjan ( RYT-200, PGDY, IYEC , Masters in Yogic Science )
LagatarDesk : योग हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मन को भी स्वस्थ रखता है. योग से आनंद की अनुभूति होती है जैसे एक तरफ सुख और दूसरी तरफ दुख होता है. जबकि आनंद सुख से भी ऊपर होता है. योग शब्द के दो अर्थ बताये गये हैं और दोनों ही अर्थ जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.पहला अर्थ है- जोड़ और दूसरा अर्थ है- समाधि (ध्यान).
विदेशों में भी लोग कर रहे योग
जब तक हम अपने शरीर को योग कला से नहीं जोड़ते ध्यान तक जाना असंभव हैं. ऊपर हमने जिस आनंद की चर्चा की उसकी सीढ़ी योग के दूसरे अर्थ ध्यान से शुरू होती है. ध्यान योग का अतिमहत्वपूर्ण भाग है. ध्यान के माध्यम से शरीर और मस्तिष्क का संगम होता है. ध्यान यानी मेडिटेशन का डंका हमारे देश से भी ज्यादा विदेशों में गूंज रहा है.
पूरा विश्व भारत को मानता है विश्व गुरु
आज के समय में जीवनयापन के लिए दिन-रात भाग-दौड़, काम का प्रेशर, रिश्तो में अविश्वास और दूरी आदि के कारण तनाव बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है. योग सभी के लिए जरूरी है. योग दर्शन और धर्म से परे है और गणित से कुछ ज्यादा है. योग भारत की देन है. पूरा विश्व इस कारण से भारत को विश्वगुरु मानता है और योग को अपना रहा है.
जीवन में योग का महत्व और लाभ :
शरीर को लचीला और मजबूत बनाता
जिम में आप किसी खास अंग का ही व्यायाम कर पाते है जबकि योग से शरीर के संपूर्ण अंग प्रत्यंगों, ग्रंथियों का व्यायाम होता है. जिस वजह से हमारे सारे अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते है क्योंकि योग से हमारे शरीर के अंगों को बल मिलता है जिससे हमारा शरीर दिन-प्रतिदिन लचीला और मजबूत होता जाता है.
तरो-ताजा और स्फूर्ति बनाये रखता है योग
नियमित योग से आप खुद को प्रकृति के नजदीक महसूस करते हैं जिससे आप पूरे दिन तरोताजा और स्फूर्ति महसूस करते है. मानसिक तौर पर भी आप शांत रहेंगे, जिससे तनाव भी दूर होगा.
मन को रखे शांत
जब मन-मस्तिष्क शांत होंगे तो तनाव भी दूर होगा. नियमित योग आसनों और ध्यान से मस्तिष्क शांत होता है और शरीर संतुलित रहता है. योग से दिमाग के दोनों हिस्से दुरुस्त काम करते है जिससे आंतरिक संचार ठीक होता है. नियमित योग से सोचने की क्षमता और सृजनात्मकता वाले हिस्सों में संतुलन बढ़ता है. इससे बुद्धि तेज और शार्प होती है साथ ही आत्मनियंत्रण की शक्ति में भी तेजी से वृद्धि होती है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ती
योगाभ्यास से चेहरे पर चमक आती है. शरीर में दिन-प्रतिदिन रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं. बुढ़ापे में भी स्वस्थ बने रहते हैं. शरीर निरोग, बलवान और स्वस्थ बनता है.
योग से रहेंगे तनाव मुक्त
योग के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों की अच्छी कसरत होती है. जिस कारण तनाव दूर होता है, ब्लड प्रेशर-कॉलस्ट्रॉल कंट्रोल होता है, नींद अच्छी आती है, भूख भी अच्छी लगती है और पाचन भी सही रहता है. इसके नियमित अभ्यास से तनाव धीरे-धीरे पूर्णरूप से खत्म हो जाता है.
दर्द और मोटापे की समस्या भी होगी खत्म
योग से शरीर फ्लेक्सिबल होता है और शरीर को शक्ति मिलती है. इसके नियमित अभ्यास से पीठ, कमर, गर्दन, जोड़ों के दर्द की समस्या तो दूर होती ही है साथ ही योग आपके शरीर की खराब मुद्रा की संरचना को ठीक करता है जिससे भविष्य में होने वाले दर्द से बचा जा सकता है. नियमित योगा से शरीर की कैलोरी बर्न होती है और मोटापा घटते जाता है जिससे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है.
योग करने से रोग से मिलेगी मुक्ति
योग से श्वास की गति पर नियंत्रण बढ़ता है जिससे श्वास संबंधित रोगों में बहुत लाभ मिलता है. जैसे दमा, एलर्जी, साइनोसाइटिस, पुराना नजला, सर्दी-जुकाम आदि रोगों में तो योग का ही अंग प्राणायाम बहुत फायदेमंद है. ऐसे आसन जिनमें कुछ समय के लिये सांस को रोक कर रखा जाता है. जो हृदय, फेफड़े और धमनियों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है. ऐसे आसन आपके दिल को फिट रखते हैं. इससे फेफड़ों को ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ती है जिससे शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है. जिससे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
योग से रक्त संचार सही रहता
विभिन्न प्रकार के योग और प्राणायाम से शरीर में रक्त का प्रभाव ठीक होता है. नित्य योग से मधुमेह का लेवल घटता है. यह बैड कोलेस्ट्रोल को कम करता है इस कारण मधुमेह के रोगियों के लिए योगा बेहद आवश्यक है. सही रक्त संचार से शरीर को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संवहन अच्छा होता है जिससे त्वचा और आन्तरिक अंग स्वस्थ बनते हैं.
प्रेगनेंसी में योग करना है लाभकारी
गर्भावस्था के दौरान नियमित योगा करने से शरीर स्वस्थ रहता है. शरीर से थकान और तनाव दूर होता है जो माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. गर्भावस्था में होने वाली कोई भी समस्या जैसे- पीठ दर्द, कमर दर्द, पैरों में खिचाव, नींद ना आना, चिड़चिड़ापन, अपच, श्वास संबंधित सभी समस्यायों से मुक्ति मिल जाती है. गर्भावस्था के दौरान किस महीने में कौन-कौन से योगा कर सकते है इसकी सलाह अपने चिकित्सक से जरूर ले और योगा एक्सपर्ट की निगरानी में ही योगा करें.
मासिक धर्म में दर्द से मिलेगी मुक्ति
योग के नित्य अभ्यास से मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा से महिलाओं को मुक्ति मिलती है. पीरियड में नियमितता रहती है, शरीर में इस दौरान आलस, घबराहट, चक्कर आना जैसी समस्याओं से भी निजात मिलती है. शरीर में फुर्ती और चुस्ती बनी रहती है.
हमारे मन को संयमी बनाता है योग
योग और ध्यान को अध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से हमारे शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए अनिवार्य माना गया है. योग सिर्फ शरीर को तोड़ने मरोड़ने का दूसरा नाम नहीं हैं. योग का अभ्यास हमारे मन को संयमी बनाता है. योगाभ्यास से दुबला पतला व्यक्ति भी ताकतवर और बलवान बन जाता है. योग आपको अनुशासन समझाता है, योग आपके मन को तैयार करता है, योग आपको मैच्योर बनाता है, योग आपको अंधकार से बचाता है.
नियमित योग करें, अपने तन और मन को स्वस्थ रखें
योग उनके लिए है जो अपना जीवन सच में बदलना चाहते हैं, जो इस ब्रह्मांड के सत्य को समझना चाहते हैं, जो शक्ति सम्पन्न होना चाहते हैं . योग उनके लिए भी हैं जो हर तरह से स्वस्थ होना चाहते हैं. योग आपको स्वस्थ और सुंदर बनाता है. आप चाहे किसी भी धर्म से हो, यदि आप स्वयं को बदलने के लिए वचनबद्ध है तो योग आपकी मदद अवश्य करेगा. अब आप स्वयं तय करें कठिन आप योग क्यों करना चाहते हैं और क्यों नहीं करना चाहते हैं. हम आपको यही सलाह देंगे, नियमित योग करें! अपने तन और मन को स्वस्थ रखें.