- सीआईपी में जल्द योग केंद्र – डॉ वासुदेव दास
Ranchi : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में योग को लेकर लोगों में जागरूकता दिखी. राज्य के हर एक कोने में लोगों ने योग कर निरोग रहने का संकल्प लिया. वहीं केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआईपी) में योग दिवस के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसकी शुरुआत निदेशक डॉ वासुदेव दास ने लोगों को योग के संदेश से किया. उन्होंने कहा कि योग मन और शरीर की एकजुटता का प्रतीक है. और यही मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की एक कुंजी भी है. खासकर कोरोना काल के दौरान मानसिक स्वास्थ्य ठीक करने के लिए योग सबसे लाभदायक साबित हुआ है. उन्होंने बताया कि सीआईपी में बहुत जल्द एक योग केंद्र खुलने वाला है. केंद्र मरीज, ट्रेनर और कर्मचारियों के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए एक साधन के रूप में सहायक होगी.
भगवद गीता योग का स्त्रोत, सचेत रहने में करती है मदद
वहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए मधुसूदन मुकुंद दास प्रभु ने योग और भगवद गीता के आध्यात्मिक ज्ञान की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि थीम के अनुरूप भगवद गीता योग का स्रोत है और हमें सचेत रहने में मदद करती है. चिंता और भय पर काबू पाने में मदद करती है. जबकि रांची विश्वविद्यालय योग विभाग के फैकेल्टी मनोज सोनी ने समग्र कल्याण के महत्व पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि शारीरिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और मानसिक शारीरिक कल्याण का गठन करता है.
योग का अभ्यास दैनिक जीवन में लाता है सकारात्मक प्रभाव
कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए स्वामी मुख्तारथ ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया और इस बात पर जोर दिया गया कि योग ईंधन के रूप में काम करता है.
साप्ताहिक योग शिविर का समापन
सप्ताहिक योग शिविर में सीआईपी के अधिकारी, प्राचार्य, प्रशिक्षु, कर्मचारियों और मरीजों सहित करीब 250 लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ डॉ संजय कुमार मुंडा ने किया.
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