koderma : कल्याण विभाग की ओर से जिले में प्री- मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रों को दिए जाने वाले छात्रवृत्ति में काफी अनियमितता बरती गई. छात्रवृत्ति के नाम पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की बंदरबांट कर ली गई. मामले में जिला कल्याण पदाधिकारी नीली सरोज कुजूर ने 10 विद्यालयों के अलावा कल्याण विभाग के तीन कर्मियों के विरुद्ध थाने में मामला दर्ज कराया है. इस मामले में नामजद किए गए कल्याण विभाग के कर्मियों में सेवानिवृत्त लिपिक मोहम्मद मोबीन, प्रमोद कुमार मुंडा व कंप्यूटर ऑपरेटर मोहम्मद हैदर का नाम शामिल है. प्री मैट्रिक बोर्ड के कुल 1433 छात्र-छात्राओं के नाम पर कुल एक करोड़ पचास लाख 83 हजार 750 रुपए के गबन का आरोप लगाया गया है. यह पूरा मामला वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2019-20 का है. जांच टीम की ओर से छात्रवृत्ति घोटाले में स्कूल के अलावा कल्याण विभाग के तत्कालीन पदाधिकारी के अलावा वहां के कर्मियों पर घोर लापरवाही बरतने की बात कही गई थी. साथ ही इसे लेकर स्कूलों के अलावा विभाग के तत्कालीन पदाधिकारी एवं कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की गईं थी.
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विद्यालय / संस्थान का नाम
- ब्राइट हॉप पब्लिक स्कूल चतरा, छात्र-102, राशि-1081400
- उर्दू मीडिल स्कूल दरिकलां, हजारीबाग, छात्र-124, राशि-1316800
- उर्दू मीडिल स्कूल हरिना हजारीबाग, छात्र-269, राशि-2850000
- उर्दू मिडिल स्कूल पेलावल हजारीबाग छात्र 243 राशि 2599700
- चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल, तिलैया, कोडरमा, छात्र-144, राशि -1535800
- किड्जी स्कूल बेहरवाटांड, कोडरमा, छात्र-150, राशि-1560300
- स्वामी विवेकानंद विद्यासागर, गिरिडीह, छात्र-114,राशि-1151900
- मदरसा रसीदिया करमा, कोडरमा, छात्र-97, राशि-1037900
- एनपीएसफुटलहिया मरकच्चो, छात्र-90, राशि-923350
- उप्रावि घोरवाटांड, चंदवारा, छात्र-100, राशि-20256000
जांच में फर्जी छात्रों के नाम पर राशि का घोटाला करने की बात
टीम की ओर से किए गए जांच में लगभग सभी विद्यालयों में वहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के बजाय स्कूल-कॉलेजों के अलावा तकनीकी संस्थाओं के स्कूल के बाहर के बच्चों का फर्जी सूची बनाकर पूरी अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दिए जाने वाली राशि का गबन कर लिए जाने की बात सामने आई थी. मामले में अनियमितता की शिकायत पर डीसी की जांच में पाया गया कि उन विद्यालयों में नामांकित बच्चों में किसी को भी छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली. जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया था. इस टीम में जिले के कुल 12 लोग शामिल थे. इस मामले में 28 नवंबर को कोडरमा थाना में मामला दर्ज कराया गया.
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