Jamshedpur : मानगो के कुमरूम बस्ती के 11 वर्षीय सुजीत गोराई की मौत मामले में उसके पिता धरनी गोराई ने अपने बेटे की हत्या करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पहाड़ी पर शव औंधे मुंह पड़ा था. उसके बगल में एक पत्थर भी पड़ा था. हालांकि उस पत्थर में खून का निशान नहीं था. लेकिन शव के करीब से ही पत्थर को जमीन से उखाड़ा गया था और शव के पास पत्थर पड़ा था. इस कारण पत्थर से सिर कुचल कर हत्या किए जाने की आशंका है. उक्त पत्थर को पुलिस ने जब्त कर लिया है. सुजीत गोराई के सिर में गहरा चोट पाया गया. शरीर में भी खरोंच के निशान हैं. हालांकि शव के सड़ जाने के कारण शरीर का चोट स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा है. इस मामले में क्षेत्र के डीएसपी बीरेन्द्र राम ने बताया कि सभी बिन्दुओं पर जांच की जा रही है. प्रथम दृष्टया मामला हत्या का लग रहा है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सही कारण का पता चल पाएगा. डीएसपी ने बताया कि घटना के दिन वह जिन बच्चों के साथ खेल रहा था, उन सभी को बुलाकर पूछताछ की जाएगी. नाम पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बस्ती के किसी विक्रम और आशीष नामक बच्चे के साथ उसके खेलने की बात सामने आई है. उन दोनों के अलावे अन्य बच्चों से भी पूछताछ की जाएगी.
पड़ोसी से पानी भरने को लेकर हुआ था विवाद
धरनी गोराई ने बताया कि वे मूलतः नीमडीह थानान्तर्गत चालियामा से सटे फागंगा गांव के रहने वाले हैं. वहां से काम करने के लिए वे आठ माह पहले जमशेदपुर आए. यहां कुमरूम बस्ती में भाड़े के घर में परिवार के साथ रहते हैं. छह माह पहले उसी बस्ती में रंजीत बिहारी के घर में धरणी भाड़ा में रहते थे. वहां दूसरे भाड़ेदार से पानी भरने को लेकर गाली-गलौज हुआ था. उसके बाद उन्होंने उक्त घर खाली कर दिया. अब रवि नामक व्यक्ति के घर में भाड़े में अपने बच्चों के साथ रहते हैं. बताया कि दोनों पति-पत्नी दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं. चूंकि कोरोना काल में स्कूल बंद था. इसलिए तीनों बच्चे भी साथ ही रहते हैं. सुजीत सबसे छोटा बेटा था. वह बस्ती के लड़कों के साथ खेलता था. घटनास्थल पर विकास सिंह सहित काफी संख्या में बस्तीवासी पहुंचे थे.
पहाड़ पर झरनानुमा तालाब में अक्सर जाता था नहाने
कुमरूम बस्ती के लोगों ने बताया कि बस्ती से सटे पहाड़ पर एक झरनानुमा तालाब है. वहां बस्ती के लोग नहाने और कपड़ा धोने जाते हैं. सुजीत भी लड़कों के साथ अक्सर वहां जाता था. घटना के दिन भी वह सुबह अपने दोस्तों के साथ वहां गया था, लेकिन फिर लौट आया था. दोबारा वह वहां किसके साथ गया, यह कोई नहीं जानता है. सुजीत की मां भवानी गोराई ने बताया कि उक्त पहाड़ पर जंगली जानवर कभी-कभार ही दिखाई देते हैं. हालांकि बस्ती के लोग अपने पालतू जानवरों को चराने वहां जाते हैं. उसके बेटे की इच्छा थी कि इस बार मनसा पूजा में सभी गांव (नीमडीह) जाएंगे. इसी माह जाना था, लेकिन यह घटना हो गई.