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- एआरटी सेंटर से दवा लेने वाले पॉजिटिव मरीजों की संख्या 14053
- 9200 एचआईवी पॉजिटिव को राशन जबकि 5400 मरीज आयुष्मान कार्ड धारक
Ranchi: झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति राज्य के एचआईवी पॉजिटिव मरीजों से भेदभाव नहीं करने की अपील के साथ जागरूकता अभियान चला रही है. ऐसे मरीजों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य के सभी जिलों में एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के द्वारा पीपुल्स लिविंग विद एचआईवी एड्स नेटवर्क (पीएलएचआईवी) का गठन किया गया है. ताकि एड्स के मरीजों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ कर उन्हें मजबूत किया जा सके. वहीं समिति के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य भर में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 14287 है. वहीं एआरटी सेंटर से दवा लेने वाले एचआईवी पीड़ित मरीजों की संख्या 14053 है. लेकिन इसे विडंबना कहें या अधिकारियों की उदासीनता महज 3800 मरीजों को एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन दिया जा रहा है. अभी भी 10253 एचआईवी पीड़ित पेंशन से वंचित हैं. गौरतलब है कि राज्य सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत एड्स के मरीजों को एक हजार रुपए प्रति माह पेंशन देने का प्रावधान है.
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वहीं खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग के द्वारा एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का राशन कार्ड बनाने का प्रावधान है. जिसमें प्रति सदस्य 5 किलो राशन दिया जाता हैं. जिसके अंतर्गत 9200 संक्रमित व्यक्ति को योजना का लाभ मिल रहा है. 4853 पॉजिटिव राशन से वंचित हैं. वहीं मुख्यमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य के 5400 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है. शेष 8653 मरीज अब भी आयुष्मान कार्ड के इंतजार में हैं.
पॉजिटिव स्पीकर के रूप में 50 प्रतिभागियों को दिया गया प्रशिक्षण
वहीं एचआईवी नेटवर्क की 50 प्रतिभागियों को पॉजिटिव स्पीकर का प्रशिक्षण दिया गया है. इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लोगों को चिन्हित कर उन्हें पॉजिटिव स्पीकर के रूप में तैयार करना है, जो अपनी स्वेच्छा और सहमति से समाज के बीच अपनी पहचान को उजागर करते हुए अपने अनुभव को साझा करें.
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एआरटी सेंटर से दवा लेने वाले एचआईवी पॉजिटिव ले सकते हैं योजना का लाभ
इधर, झारखंड एड्स नियंत्रण समिति के संयुक्त निदेशक रवि प्रकाश ने आंकड़ों पर कहा कि एआरटी सेंटर से दवा लेने के लिए पंजीकृत सभी एचआईवी पीड़ित पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए योग्य है. इच्छुक मरीज विभाग में आवेदन कर पेंशन योजना का लाभ ले सकते हैं. वहीं जिन्हें पेंशन का भुगतान नहीं हो रहा है उनका आवेदन संबंधित विभाग में प्रक्रियाधीन है.
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