Ranchi: झारखंड पारा चिकित्सा अनुबंध कर्मचारी पिछले 21 दिनों से हड़ताल पर हैं साथ ही 14 दिनों से आमरण अनशन पर हैं. इसके बाद भी न तो सरकार और ना ही स्वास्थ्य विभाग ने कोई सुधि ली है. सरकार के प्रति आक्रोश जाहिर करने के लिए मंगलवार को आंदोलनरत कर्मी भिक्षाटन करेंगे. उनका कहना है कि सरकार ने उनकी कोई सुधि नहीं ली है.
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कोरोना काल में काम करवा कर भूल गई सरकार
संघ के महासचिव श्रीकांत श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य एवं केंद्र की सरकार ने कोरोना काल में राज्य भर के स्वास्थ्य कर्मियों को खूब काम कराया. जान जोखिम में डालकर कर्मियों ने काम भी किया, पर सरकार स्वास्थ्य कर्मियों को पुरस्कार देने की बजाय तिरस्कार करने का काम कर रही है. कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों का योगदान अद्वितीय है. अपनी जान पर खेलते हुए इन लोगों ने काम किया और आज इनको राज्य सरकार को नियमितीकरण का पुरस्कार देना था, परंतु इन लोगों के द्वारा लगातार तिरस्कार की भावना से काम किया जा रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य में अफसरशाही हावी है और कर्मियों का जबरदस्त शोषण हो रहा है.
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अनुबंध कर्मियों के समायोजन से भाग रही है सरकार
झारखंड अनुबंध कर्मचारी महासंघ के केंद्रीय अध्यक्ष विक्रांत ज्योति के द्वारा कर्मचारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संवाद कार्यक्रम में संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए कमेटी का गठन किया था. लेकिन कमेटी के द्वारा अब तक कोई काम नहीं किया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य भर में संविदा कर्मियों के मन में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ता ही जा रहा है. राज्य सरकार अपने नियमितीकरण एवं समायोजन संबंधी वादे से मूकर रही है, और समायोजन के मुख्य विषय से भटकती नजर आ रही है. ऐसा प्रतित हो रहा है कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल निरंकुश हो गया है, और यह भयावह स्थिति है.